वाशिंगटन: पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि विकसित देशों को जलवायु परिवर्तन पर अपने ‘वादों को पूरा’ करना होगा और उन्हें विकासशील सत देशों में हरित प्रौद्योगिक की आवश्यकता हेतु जलवायु कोष उपलब्ध कराना होगा.
जावडेकर ने इस मुद्दे पर इस साल पेरिस में होने वाली संयुक्त राष्ट्र बैठक से पहले यह बात कही है. उन्होंने कल कहा,‘ विकसित दुनिया को अब वादों को पूरा करना होगा विकासशील दुनिया को हरित जलवायु कोष उपलब्ध कराना होगा.’ उन्होंने कहा कि भारत पेरिस में निष्पक्ष व समान जलवायु समझौते पर पहुंचने के लिए दुनिया के साथ सक्रियता से भागीदारी कर रहा है.
उल्लेखनीय है कि जावडेकर एक प्रतिनिधि मंडल के साथ यहां एक सम्मेलन (मेजर इकनामिक्स फोरम आन एनर्जी एंड क्लाइमेट) में भाग लेने आए हैं. यह सम्मेलन 19-20 अप्रैल को आयोजित हो रहा है.
जावडेकर ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम से कम करने के लिए कदम उठा रहा है. उन्होंने कहा,‘ प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने 1,75,000 मेगावाट अक्षय उर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. यह भारत का बडा योगदान है क्योंकि इससे हर साल 35 करोड टन कार्बन उत्सर्जन बचत होगी और 150 अरब डालर के निवेश की जरुरत होगी.