महाराष्ट्र के तर्कवादी दाभोलकर की आवाज शांत होने के बाद भी उनका आंदोलन जारी

पुणे : अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले नरेंद्र दाभोलकर की हत्या से भले ही उनके सुधारवादी आंदोलन को झटका लगा है लेकिन इस कार्य से जुड़े कार्यकर्ताओं ने उनके इस आंदोलन को आगे ले जाने और वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने का प्रण लिया है. मारे गए इस 69 वर्षीय कार्यकर्ता के बच्चों ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2013 12:57 PM

पुणे : अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले नरेंद्र दाभोलकर की हत्या से भले ही उनके सुधारवादी आंदोलन को झटका लगा है लेकिन इस कार्य से जुड़े कार्यकर्ताओं ने उनके इस आंदोलन को आगे ले जाने और वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने का प्रण लिया है.

मारे गए इस 69 वर्षीय कार्यकर्ता के बच्चों ने घोषणा की है कि दो सितंबर से शुरु हो रहे महीने भर के आंदोलन के जरिए दाभोलकर के जीवन का अभियान पुनर्जीवित किया जाएगा.

दाभोलकर के बेटे हामिद और बेटी मुक्ता ने गत गुरवार को यहां एक सम्मेलन में कहा कि इस मुहिम के तहत राज्य में कॉलेजों के छात्र..छात्रओं से बातचीत की जाएगी, ताकि उन्हें सुधारवादी आंदोलन का अहम हिस्सा बनाया जा सके.

जाने माने फिल्म और रंगमंच के अभिनेता श्रीराम लागू ने सामाजिक सुधार और तर्कवादी सोच विकसित करने का प्रचार करने के लिए इस दौरान शपथ दिलाई.

समाज विज्ञानी मुक्ता ने कहा, ‘‘मेरे पिता की हत्या :20 अगस्त को: के बाद मैंने पाया कि तर्क और तर्कवाद की आवाज आम आदमी तक पहुंच गई है.’’उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि वह काला जादू विरोधी कानून के प्रावधान लागू करने और उन्हें समर्थन देने के लिए एक उपयुक्त व्यवस्था करे. सरकार ने दाभोलकर की हत्या के एक दिन बाद काला जादू विरोधी अध्यादेश लागू किया था. इसके सदन के शीतकालीन सत्र में विधेयक के रुप में पारित होने की उम्मीद है.

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