नयी दिल्ली : राज्यसभा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ वाक-युद्ध के दूसरे दिन उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने आज कहा कि सिंह का रवैया ‘‘क्रोध और निराशावाद’’ का था और यह दर्शाता है कि उनके पास अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के विचार नहीं रह गए हैं.
जेटली ने कहा कि सिंह ने कल संसद में देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में दिए गए अपने बयान में हमें यह तो नहीं बताया कि अर्थव्यवस्था को सुधारने का उनका खाका क्या है, और इसकी बजाय वह क्रोधित और निराशावादी नजर आए. ‘‘यह रवैया दर्शाता है कि आपके पास अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कोई विचार नहीं हैं. आपके पास विचार समाप्त हो गए हैं.’’
उन्होंने यहां भाजपा के कानूनी एवं विधायी प्रकोष्ठ की गोष्ठी में कहा कि कल उच्च सदन में सिंह के रवैये को देख कर उन्हें तथ्यों में कमजोर पड़ने पर तर्क देने की बजाय डेस्क ठोकने की वकीलों की आदत याद हो आई. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि आतंकवाद के मुद्दे पर वह वोट बैंक की राजनीति कर रही है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के चलते ही इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी में राज्य सरकार ने कथित सहयोग नहीं किया.