किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का असर देश ही नहीं विदेशों में भी पड़ रहा है. दिल्ली की घेराबंदी कर पंजाब और हरियाणा के किसान सड़कों पर उतर आए हैं. वहां के उद्योग बंद पड़े हैं. हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्र कुंडली से बर्तन, स्वास्थ्य उपकरण, दवाइयां, एलईडी, प्लास्टिक उपकरण समेत काफी सामान विदेश भेजा जाता है. लेकिन किसान आंदोलन (farmer movement) के कारण सामान दूसरे देश तो दूर फैक्ट्री से बाहर नहीं आ पा रहा है. इससे उद्यमियों के दूसरे देशों के उद्यमियों से रिश्ते तो खराब हो ही रहे लाखों-करोड़ों का नुकसान भी झेलना पड़ रहा है.
कृषि कानून को रद्द कराने के लिए किसान पिछले 15 दिन से नेशनल हाईवे 44 के सिंधु बार्डर पर धरना देकर बैठे हैं. उन्होंने हरियाणा तक डेरा डाला हुआ है. सिंधु बार्डर से कुछ दूरी पर कुंडली औद्योगिक क्षेत्र है. यहां फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं. साथ ही नाथूपुर सबौली औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियां भी बंद हैं. इससे देश में सामान की सप्लाई प्रभावित हो रही है.
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कुंडली व नाथुपूर सबौली स अमेरिका, फ्रांस,जर्मनी, इस्राइल, यूके, यूएई, आस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, ग्रीस, वेनेजुएला, तुर्की, थाईलैंड, ताइवान, स्विटजरलैंड, स्पेन, सिंगापुर, सऊदी अरब, न्यूजीलैंड, मलयेशिया, इटली, इंडोनेशिया आदि शामिल है. उद्यमियों के अनुसार इन सभी देशों में किसान आंदोलन के कारण सामान निर्यात नहीं हो पा रहा है.
कुंडली औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता के अनुसार जब वह विदेश में किसान आंदोलन के कारण सामान न भेज पाने की बात कहते हैं तो वहां के उद्यमी इस बात पर भरोसा ही नहीं कर पाते. फैक्ट्री मालिक के सामने एक और संकट है. फैक्ट्री में इतना माल तैयार हो गया है कि उसे रखने की जगह तक नहीं बची। कई फैक्ट्री मालिकों को तो अपना माल पार्क में रखना पड़ रहा है.
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फैक्ट्री मालिक तुषार आनंद ने बताया कि उनकी फैक्टरी में बनने वाले स्वास्थ्य उपकरण कैनुला, खून स्थानांतरण वाली ट्यूब, डिस्पोजेबल ट्यूब आदि 40 देशों में भेजी जाती है. किसान आंदोलन के कारण निर्यात पूरी तरह से बंद है. इससे काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
Posted BY : Amitabh Kumar