विमान दुर्घटना होने के अवशेष 45 साल बाद मिले
चंडीगढ़: आज से करीब साढ़े 45 साल पहले चंडीगढ़ से लेह की उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गये वायु सेना के एक एएन-12 मालवाहक विमान में उस समय सवार रहे एक नॉन-कमीशन्ड अधिकारी (एनसीओ) के अवशेष मिले हैं.रक्षा विभाग एक विज्ञप्ति में आज कहा गया कि पश्चिमी कमान के डोगरा स्काउट के दल को 22 […]
चंडीगढ़: आज से करीब साढ़े 45 साल पहले चंडीगढ़ से लेह की उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गये वायु सेना के एक एएन-12 मालवाहक विमान में उस समय सवार रहे एक नॉन-कमीशन्ड अधिकारी (एनसीओ) के अवशेष मिले हैं.रक्षा विभाग एक विज्ञप्ति में आज कहा गया कि पश्चिमी कमान के डोगरा स्काउट के दल को 22 अगस्त को एनओसी हवलदार जगमैल सिंह के अवशेष दुर्घटना के साढ़े 45 साल बाद बरामद हुए हैं. विज्ञप्ति के अनुसार हवलदार की शिनाख्त एक पहचान डिस्क, एक बीमा पॉलिसी और उनके परिवार के एक पत्र से हुई है जो उनकी जेब से मिला.
एनसीओ के अवशेष को आज चंडी मंदिर सैन्य स्टेशन लाये जाने की संभावना है जहां से उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए हरियाणा के रेवाड़ी जिले में उनके पैतृक गांव मीरपुर में भेजा जाएगा. विज्ञप्ति के अनुसार 1968 की एक सर्द और धुंध वाली सुबह रनवे से लेह की उड़ान भरने वाला एएन-12 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.विमान में 98 सैन्यकर्मी और चालक दल के चार सदस्य सवार थे. लेह के रास्ते के बीच में फ्लाइट लेफ्टिनेंट एच के सिंह ने जम्मू कश्मीर के उपर आसमान में खराब मौसम को देखते हुए वापसी का फैसला किया था. विज्ञप्ति के अनुसार विमान से आखिरी बार रेडियो संपर्क रोहतांग र्दे के पास हुआ था जिसके बाद से यह आसमान में गायब हो गया था.