उच्चतम न्यायालय करेगा फैसला, कौन से पांच न्यायाधीश कर सकते हैं एनजेएसी कानून की वैधता पर सुनवाई

नयी दिल्ली : न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने वाले कानून की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई के लिए गठित संविधान पीठ के समक्ष आज हितों के टकराव और पक्षपात का मुद्दा एक बार फिर उठा. मामले के पक्षों में से कुछ ने न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2015 3:27 PM
नयी दिल्ली : न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने वाले कानून की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई के लिए गठित संविधान पीठ के समक्ष आज हितों के टकराव और पक्षपात का मुद्दा एक बार फिर उठा. मामले के पक्षों में से कुछ ने न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ के नेतृत्व का मुद्दा उठाया.
इस पर न्यायालय ने कहा कि विवादित कानून के गुण दोष पर गौर करने से पहले वह इस मुद्दे को सुलझाएगा कि शीर्ष अदालत के कौन से न्यायाधीश इस पर सुनवाई कर सकते हैं. न्यायमूर्ति खेहर ने कहा कि इस मामले की सुनवाई करने की उनकी ‘‘कोई इच्छा नहीं’’ है. उन्होंने कहा कि वह इस तथ्य के मद्देनजर इसकी सुनवाई कर रहे थे कि न्यायमूर्ति एआर दवे के सुनवाई से अलग हो जाने के बाद प्रधान न्यायाधीश द्वारा गठित नई पीठ का उन्हें हिस्सा बनाया गया.
उन्होंने कहा कि जिस समय पीठ की अध्यक्षता करने के लिए उनके नाम का फैसला किया गया था, उन्होंने तभी प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर सूचित किया था कि वह मामले को अंतिम रुप से सुने जाने और इस पर फैसला होने तक राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग, एनजेएसी या कॉलेजियम का हिस्सा नहीं होंगे. पीठ ने मामले की सुनवाई कल तक टालते हुए कहा, ‘‘हमें निर्णय करना चाहिए कि इसकी सुनवाई कौन करेगा.’’ इस पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर, मदन बी लोकुर, कुरियन जोसेफ और आदर्श कुमार गोयल शामिल हैं.

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