नरेंद्र मोदी ने कहा, राजनीतिक हस्‍तक्षेप और अनुचित हस्‍तक्षेप का अंतर समझे नौकरशाह

नयी दिल्ली: लोकतंत्र में ‘‘राजनीतिक हस्तक्षेप’’ को आवश्यक करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नौकरशाहों से स्पष्ट किया कि वे इसे सुशासन में बाधा के तौर पर नहीं देखें. राजनीतिक हस्तक्षेप और अनुचित हस्तक्षेप के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए मोदी ने कहा कि इनमें से एक व्यवस्था के लिए ‘‘अनिवार्य और अपरिहार्य’’ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2015 8:59 PM

नयी दिल्ली: लोकतंत्र में ‘‘राजनीतिक हस्तक्षेप’’ को आवश्यक करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नौकरशाहों से स्पष्ट किया कि वे इसे सुशासन में बाधा के तौर पर नहीं देखें.

राजनीतिक हस्तक्षेप और अनुचित हस्तक्षेप के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए मोदी ने कहा कि इनमें से एक व्यवस्था के लिए ‘‘अनिवार्य और अपरिहार्य’’ है वहीं दूसरे से व्यवस्था ‘‘नष्ट’’ हो जाएगी.मोदी ने सिविल सेवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के आगे बढने में नौकरशाही मिजाज और राजनीतिक हस्तक्षेप की अक्सर बाधक के तौर पर चर्चा की जाती है.

उन्होंने कहा, ‘‘ लोकतंत्र में, नौकरशाही और राजनीतिक हस्तक्षेप साथ साथ चलते हैं. यह लोकतंत्र की विशिष्टता है. अगर हमें इस देश को चलाना है, तो हमें अनुचित राजनीतिक हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है. लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप अनिवार्य और अपरिहार्य है अन्यथा लोकतंत्र काम नहीं कर पाएगा.’’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप की जरुरत है क्योंकि लोगों को जनप्रतिनिधियों से उम्मीदें होती हैं.’’ मोदी ने कहा कि बाधा और कठिनाई जैसे शब्दों को नौकरशाही व्यवस्था से हटाने की जरुरत है.

उन्होंने सिविल सर्विस दिवस समारोह में कहा, ‘‘ एक विभाग काम कर रहा है लेकिन कहीं और इसे रोक दिया जाता है. आप सवाल करेंगे कि क्या हुआ? यह कहेगा कि यह काम करने का नौकरशाही तरीका है. उसी प्रकार अगर कुछ काम कहीं अटक जाता है तो हम कहते हैं कि यह राजनीतिक हस्तक्षेप है.’’ जवाबदेही और जिम्मेदारी पर जोर देते हुए मोदी ने अधिकारियों से कहा कि हर समस्या का समाधान होता है और उसे खोजना होता है.

उन्होंने कहा कि सुशासन के लिए जवाबदेही, जिम्मेदारी और पारदर्शिता (आर्ट) आवश्यक है.नौकरशाही में सुधारों पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सुधारों और प्रौद्योगिकी को बढावा देने की जरुरत है क्योंकि वह दिन दूर नहीं है जब दुनिया एम.गर्वनेंस या मोबाइल गर्वनेंस पर गौर करेगी.

सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के पहले गृह मंत्री के योगदान को याद करना स्वाभाविक है जिन्होंने देश के एकीकरण के लिए काम किया.

उन्होंने कहा, ‘‘ आज, सामाजिक-आर्थिक एकीकरण की आवश्यकता है. हम ऐसे माडल के बारे में सोचते हैं जो एकीकरण को महत्व देता हो, जो लोगों को एक दूसरे के करीब लाता हो.’’ मोदी ने सिविल सेवा के अधिकारियों से जीवन के महत्व पर गौर करने को भी कहा, अन्यथा यह किसी फाइल का उबाउ पन्ना हो जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘ तनाव से भरा जीवन कुछ हासिल नहीं कर सकता, खासकर जब आपको देश को चलाना है. आप समय प्रबंधन में बहुत अच्छे हैं लेकिन क्या आप अपने परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताते हैं? कृपया इस बारे में सोचिए.’’ मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किए गए अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि पुरस्कृत लोगों द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को दोहराने या उनसे काफी कुछ सीखने की जरुरत है.

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा काम सिर्फ विभागों को ही नहीं चलाना है. हमें नवोन्मेषी होना होगा. हमें परिपूर्णता और क्षमता निर्माण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है.’’

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