किसान रैली के दम पर “आप” को राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा करने की कोशिश

नयी दिल्लीः आम आदमी पार्टी अपने बिखरते जनाधार को समटने में लगी है. पार्टी किसान रैली के माध्यम से देश के सभी कार्यकर्ताओं को समटने में लगी है. पार्टी का दावा है कि इस रैलीमेंदेश के कोने- कोने से किसान और कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं . पार्टी इस रैली को सफल करने में अपना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2015 9:55 AM
नयी दिल्लीः आम आदमी पार्टी अपने बिखरते जनाधार को समटने में लगी है. पार्टी किसान रैली के माध्यम से देश के सभी कार्यकर्ताओं को समटने में लगी है. पार्टी का दावा है कि इस रैलीमेंदेश के कोने- कोने से किसान और कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं . पार्टी इस रैली को सफल करने में अपना पूरा जोर लगा रही है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क पर लगे पोस्टर तक पार्टी की इस कोशिश को जाहिर करते हैं. पार्टी ने हाल में ही चार बागी नेताओं को बाहर कर दिया. इस फैसले के विरोध में कई लोग खड़े हुए, लेकिन पार्टी यह दिखाना चाहती है कि इस फैसले के बाद भी कार्यकर्ता का भरोसा पाटी पर बरकरार है.
सफल रैली से लगेगी पार्टी के फैसले परमुहर
प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव सरीखे नेता जो पार्टी की रीढ़ रहे हैं अब पार्टी से बाहर है. पिछले कुछ महीनों में पार्टी में विरोध के सुर भी तेज हुए है. भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर पार्टी किसानों और कार्यकर्ताओं के बीच अपने पुराने दमखम में दिखने की भरपूर कोशिश करेगी. संजय सिंह, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल जैसे पार्टी के बड़े नेताओं की कोशिश होगी कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रशांत और योगेन्द्र जैसे उन नेताओं की कमी महसूस ना हो जिन्हें पार्टी से निकाल दिया गया. अगर आम आदमी पार्टी इस रैली के सफल संचालन में कामयाब रही तो कार्यकर्ताओं के बीच यह भी संदेश जायेगा कि इतने बड़े बदलाव के बाद भी पार्टी का नेतृत्व सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. पार्टी के बागी नेताओं ने बार – बार यह आरोप लगाया कि इसकी विचारधारा बदल चुकी है. पार्टी जिस सोच के साथ आगे बढ़ी थी वह कहीं खो गया है. किसान रैली के माध्यम से आप एक बार फिर लोकप्रिय पार्टी के रूप में खड़ा होना चाहती है.
राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा होने के लिए कदम जरूरी
आम आदमी पार्टी अगर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जड़े मजबूत करना चाहती है तो उसे उन मुद्दों को मजबूती से उठाना होगा जिससे आम लोगों का सरोकार है. इस वक्त विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश कर रहा है. कांग्रेस ने हाल में ही बड़ी किसान रैली की इसमें राहुल गांधी को पार्टी के प्रमुख नेता के रूप में पेश किया गया. आम आदमी पार्टी भी अपनी जड़े दूसरे राज्यों में मजबूत करना चाहती है. इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर पार्टी लोकप्रिय होने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है. दिल्ली में किसानों को मिले सबसे ज्यादा मुआवजे को भी पार्टी इस मंच पर प्रचारित प्रसारित करेगी.
विपक्ष भी आप पर साध रहा है निशाना
आम आदमी पार्टी के इन कदमों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रभारी सतीश उपाध्याय ने भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, आप दिल्ली की जनता से किये गये वादों को ना निभा पाने की स्थिति में पहुंच चुकी आप अब लोगों का ध्यान भटकाने में लगी है. इस तरह के कदमों से उनकी अवसरवादिता दिखायी देती है. इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर जनता के सामने पेश करने और मौके का फायदा उठाने की पूरी कोशिश की जा रही है. अरविंद केजरीवाल ने भी एक कार्यक्रम में जनता से कहा, पहले हमें शक था कि हम आपसे किया हुआ वादा निभा पायेंगे लेकिन अब हमारे अंदर आत्मविश्वास है. अगर इन पांच सालों में हम 40 से 50 फीसदी वादा भी पूरा कर सकें तो बुरा नहीं होगा.

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