नयी दिल्ली: जो उम्मीदवार प्रतिष्ठित सिविल सर्विसेज परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं उनके नाम पर केवल उन्हीं केंद्रीय सेवाओं के लिए विचार किया जाएगा जिनका वे आवेदन करते समय विकल्प चुनते हैं न कि दूसरी सेवाओं के लिए. यह बात संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने कही है.
नियमों में बदलाव का हवाला देते हुए इसने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2014 पास करने वाले उम्मीदवारों से यह भी कहा है कि वे अंतिम चयन के बाद सेवाओं की प्राथमिकता के नये क्रम बताएं.
यूपीएससी ने कहा, ‘‘उम्मीदवारों को 20 से 27 अप्रैल 2015 के दौरान पुनरीक्षित सेवा प्राथमिकताओं को भरना आवश्यक होगा.’’ उम्मीदवार जितनी सवोओं में शामिल होना चाहते हैं उतनी प्राथमिकताएं दे सकते हैं. इसने कहा कि उम्मीदवारों को उन सेवाओं के लिए विचार नहीं किया जाएगा जिसे वे अपनी प्राथमिकता में नहीं दर्शाते.
यूपीएससी ने कहा, ‘‘अगर कोई उम्मीदवार आईएएस, आईएफएस, आईआरएस (आईटी) और आईए एंड एएस का विकल्प देता है तो उसे केवल आईएएस, आईएफएस, आईआरएस (आईटी) और आईए एंड एएस आवंटन के लिए विचार किया जाएगा.’’
इसने कहा, ‘‘अगर उसके रैंक के आधार पर उसे आईएएस, आईएफएस, आईआरएस (आईटी) और आईए एंड एएस आवंटन नहीं मिलता तो सरकार शेष सेवाओं के लिए उसके नाम पर विचार नहीं करेगी.’’ इसने उम्मीदवारों को सलाह दी है कि विभिन्न सेवाओं या पदों की प्राथमिकता दर्शाते समय उन्हें ‘‘काफी सावधान’’ रहना चाहिए.
प्रतिष्ठित सिविल सर्विसेज परीक्षाओं का आयोजन प्रतिवर्ष तीन चरणों प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में होता है जिसके माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) आदि के अधिकारियों का चयन किया जाता है. सिविल सर्विसेज मुख्य परीक्षा 2014 के परिणाम 12 अप्रैल को घोषित किए गए थे.