मुंबई: विवादास्पद भूमि अधिग्रहण अध्यादेश में बदलाव किए जाने की मांग करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और कहा कि उन्होंने किसानों के हितों की सुरक्षा के संबंध में जो वादे किए थे, उन वादों को इसी महीने की शुरुआत में जारी नए अध्यादेश में भी पूरा नहीं किया गया है.
उनके सहयोगी ने पीटीआई भाषा को बताया कि हजारे ने कहा, ‘‘सरकार कह रही है कि अध्यादेश किसानों के हित में है. तीन अप्रैल को जारी नए अध्यादेश में भी, किए गए वादों के अनुरुप कोई संशोधन नहीं किया गया है.’’ हजारे ने कहा, ‘‘किसानों की जमीन निजी संगठनों और उद्योगपतियों को देकर किसानों के मूल अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है.’’ हजारे ने इसके पहले 31 मार्च को भी इसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था.
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के दावे के बाद भी कि कानून किसानों का समर्थन करता है, अध्यादेश के प्रावधान स्पष्ट करते हैं कि उनके साथ अन्याय किया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अगर अध्यादेश कानून में बदलता है तो देश को खाद्यान्न की आपूर्ति करने वाले किसानों की पीढियां बर्बाद हो जाएंगी. इसका खाद्यान्न उत्पादन पर भी प्रतिकूल असर होगा.’’
हजारे ने कहा, ‘‘ प्रावधानों को देखने से यह साफ हो जाता है कि अध्यादेश किसानों के हितों के खिलाफ है. लोगों को यह बताने की जरुरत है कि क्या हम सही हैं या सरकार सही है. इसलिए, हमें 25 अप्रैल तक :इस पत्र का: जवाब की उम्मीद है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ किसानों की सहमति के बिना आप किस प्रकार उनकी जमीन ले सकते हैं? भारत एक कृषि प्रधान देश है. सरकार को किसानों के बारे में अवश्य सोचना चाहिए.’’