कांग्रेस ‘‘गरीबी हटाओ’’ मुद्दा पुनर्जीवित करने के प्रयास में
नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव के सिर्फ आठ महीने दूर है और कांग्रेस की योजना खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण विधेयकों को लेकर इस संदेश के साथ आम लोगों के बीच जाने की है कि सोनिया गांधी ‘‘गरीबी हटाओ’’ मुद्दे को आगे बढ़ा रही हैं जिस पर इंदिरा गांधी ने काफी जोर दिया था.प्रमुख उपायों को […]
नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव के सिर्फ आठ महीने दूर है और कांग्रेस की योजना खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण विधेयकों को लेकर इस संदेश के साथ आम लोगों के बीच जाने की है कि सोनिया गांधी ‘‘गरीबी हटाओ’’ मुद्दे को आगे बढ़ा रही हैं जिस पर इंदिरा गांधी ने काफी जोर दिया था.प्रमुख उपायों को जोर शोर से प्रचारित करने की तैयारियों के तहत कांग्रेस की योजना भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर अपने प्रवक्ताओं और टीवी पैनलिस्टों के लिए कार्यशाला आयोजित करने की है ताकि प्रस्तावित विधेयक के फायदों का विश्लेषण किया जाए.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी(एआईसीसी)ने हाल ही में खाद्य सुरक्षा विधेयक के संबंध में भी ऐसा ही कदम उठाया था. दोनों विधेयक लोकसभा में पारित हो चुके हैं और अगले हफ्ते उनके राज्यसभा में पारित हो जाने की संभावना है. सत्तारुढ़ दल को उम्मीद है कि आम चुनाव में ये दोनों विधेयक ‘‘पासा पलटने वाले’’ होंगे. कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की कि निर्धनों और वंचित वर्गों के बीच भूखमरी और कुपोषण को समाप्त करने के लिए प्रयासरत सोनिया गांधी इंदिरा गांधी के अधूरे कार्य को पूरा करने का प्रयास कर रही हैं.कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के कई नेता आसाराम का समर्थन कर रहे हैं और उमा भारती उनका बचाव करने वालों में सबसे पहले हैं.कल दिग्विजय सिंह ने सुषमा स्वराज को निशाना बनाते हुए कहा ‘‘महिलाओं के खिलाफ ज्यादतियों पर भाजपा में सबसे ज्यादा आवाज सुषमा स्वराज आवाज बुलंद करती हैं. आसाराम बापू के मामले में वह चुप क्यों हैं.’’सुषमा ने इसके जवाब में आज ट्वीट किया ‘‘कोई छोटा या बड़ा नहीं है. कानून अपना काम करेगा.’’एक अन्य ट्वीट में सुषमा ने कहा ‘‘मैंने कल विदिशा में भी मीडिया से कहा. हमारे देश में कानून है जो सबके लिए बराबर है.’’72 वर्षीय आसाराम पर 16 साल की एक किशोरी ने कथित यौन शोषण का आरोप लगाया है. आसाराम को मध्य रात्रि के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
इससे पहले, 3 जुलाई 2008 को दो भाई..दीपेश वाघेला (10 साल) और अभिषेक वाघेला (11 साल) आसाराम द्वारा संचालित आवासीय स्कूल ‘गुरुकुल’ से लापता हो गए थे. दो दिन बाद उनके क्षतविक्षत शव समीप ही नदी के किनारे पाए गए थे. दोनों बच्चों के शव मिलने के बाद आश्रम के खिलाफ आंदोलन हुआ था. तब आरोप लगाया गया था कि बच्चों की मौत का संबंध आश्रम में होने वाले ‘काला जादू’ से था.