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पीएम बोले किसानों को असहाय नहीं छोडेंगे, गृहमंत्री ने कहा घटना के समय लोग हंस रहे थे

नयी दिल्ली : राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले किसान गजेंद्र सिंह द्वारा बुधवार को राजधानी के जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में आत्महत्या किये जाने के मामले में आज लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा कि किसानों […]

नयी दिल्ली : राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले किसान गजेंद्र सिंह द्वारा बुधवार को राजधानी के जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में आत्महत्या किये जाने के मामले में आज लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा कि किसानों की आत्महत्या पूरे देश के लिए चिंता का विषय रही है. समय समय पर हर सरकार ने जो भी संभव हुआ, करती रही. उन्होंने कहा कि सदन ने इस पर अपनी पीडा व्यक्त की है और मैं उसमें सहभागी होता हूं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह समस्या बडी पुरानी व व्यापक है. हम उसे उसी रूप में लेते हैं और जो भी अच्छे सुझाव हैं, उसे लेकर चलेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसान की जिंदगी, इनसान की जिंदगी से बडी कोई चीज नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस संबंध में पूरी जानकारी सदन के सामने रखी है. उन्होंने कहा कि पहले क्या कमी रह गयी है, पिछले दस दिनों में क्या कमी रह गयी है, उसे बतायें और उसका रास्ता खोजना होगा. उन्होंने कहा कि हम अपने किसानों को असहाय नहीं छोड सकते हैं. उन्होंने कहा कि सदन की चर्चा में सामूहिक संकल्प उभर कर सामने आया है.

प्रधानमंत्री से पूर्व इस मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने विस्तृत बयान दिया. गृहमंत्री ने कहा कि मैं किसान गजेंद्र सिंह की आत्महत्या पर अपनी सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. राजनाथ सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की जंतर मंतर पर आयोजित प्रदर्शन रैली के दौरान राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले किसान गजेंद्र सिंह हाथ में झाडू लेकर पेड पर पर चढ गये. उन्होंने अपने पास के कपडे का एक छोर अपने गले से बांध दिया और दूसरा छोर पेड की शाखा से बांध दिया. वहां तैनात पुलिस ने इस मामले को देखते ही कंट्रोल रूप में को फोन किया और फायर बिग्रेड मंगाने की व्यवस्था की गयी. उन्होंने कहा कि सीढी भी गजेंद्र सिंह को बचाने के लिए मंगायी गयी.
उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति ऐसा अतिवादी कदम उठाता है, तो उसे दूसरी बातों में व्यस्त कर उससे बात कर, समझा कर, बुझा कर उसका ध्यान दूसरी ओर खींचा जाता है और चतुराई से काम लिया जाता है. लेकिन, जब वह पेड पर चढे तो उस समय नीचे खडे लोग ताली बजा रहे थे और हंस रहे थे. उन्होंने कहा कि पुलिस ने लोगों को शोर मचाने से रोकने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि किसान को बाद में वहां से उतार कर आएमएल अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस संबंध में संसद मार्ग थाने में धारा 306, 186 व 34 के तहत कांड संख्या 95/2015 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है. राजनाथ सिंह ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर गंभीरता से विचार होना चाहिए. हमारी सरकार ने हाल में उनके लिए कई पहल की है. 33 प्रतिशत पर मुआवजा देने का प्रावधान किया है व राशि बढाई है.
विपक्ष के नेता ने गृहमंत्री के बयान पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है. इसलिए इस मामले की न्यायिक जांच करायी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जिस समय यह घटना घट रही थी, उस समय आपकी पुलिस क्या कर रही थी.

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