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किसान खुदकुशी मामले पर दिल्ली पुलिस और केजरीवाल सरकार में ठनी, सियासत गरमायी

नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी की रैली में किसान गजेंद्र के खुदकुशी मामले पर जांच को लेकर अब दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के बीच ठन गई है. केजरीवाल सरकार ने इस मामले में डीएम को जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस पर आपत्ति जताई है. दिल्ली पुलिस का कहना है […]

नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी की रैली में किसान गजेंद्र के खुदकुशी मामले पर जांच को लेकर अब दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के बीच ठन गई है. केजरीवाल सरकार ने इस मामले में डीएम को जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस पर आपत्ति जताई है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि डीएम को जांच का अधिकार नहीं है. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है. ऐसे में जांच का यह मामला मोदी सरकार बनाम केजरीवाल सरकार बनता दिख रहा है.

इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रैली में कल एक किसान की खुदकुशी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किसान के मौत की तरफ बढने के बीच आप समर्थकों द्वारा ‘‘ताली बजाने और नारे लगाने’’ को लेकर पार्टी की आलोचना की जबकि आप ने पलटवार करते हुए कहा कि गृहमंत्री ‘‘झूठ बोल रहे हैं.’’

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर भाजपा नीत राजग सरकार के खिलाफ कांग्रेस के आक्रामक रवैये के बीच पार्टी ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है.

सिंह ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा, ‘‘भीड ताली बजा रही थी. पुलिस ने उनसे नारे लगाना बंद करने को कहा. आम तौर पर ऐसे मामलों में (जब कोई व्यक्ति जान देने पर आमादा हो तो) ऐसे लोगों को बातों में लगाकर रखा जाता है ताकि उनका मन बदल जाए लेकिन यहां भीड तालियां बजा रही थी और नारे लगा रही थी.’’ मंत्री ने दिल्ली पुलिस का बचाव किया, जिस पर इस दुखद घटना को रोकने के लिए कुछ भी नहीं करने के आरोप लग रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने नियंत्रण कक्ष को फोन कर स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कदम उठाए और गजेन्द्र सिंह को पेड से नीचे उतारने के लिए अग्निशमन विभाग से सहयोग मांगा.

राजस्थान के दौसा के 41 वर्षीय किसान ने भूमि अध्यादेश के विरोध में आप की रैली के दौरान पेड से लटककर खुदकुशी कर ली थी. पेड पर चढने के बाद नीचे गिराए पर्चे में गजेन्द्र ने लिखा था कि फसल का नुकसान होने के बाद उसके पिता ने उसे घर से निकाल दिया.व्यक्ति के मरने के बावजूद आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा भाषण जारी रखकर ‘‘अत्यंत संवेदनहीनता’’ दिखाने के लिए आलोचना का सामना कर रही आप ने आरोप लगाया कि राजनाथ सिंह ‘‘झूठ बोल रहे हैं.’’

आप प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, ‘‘गृह मंत्री झूठ बोल रहे हैं और भ्रामक बयान दे रहे हैं. केंद्र सरकार दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल कर आप को निशाना बनाने का षड्यंत्र कर रही है. मीडिया ने घटना को रिकॉर्ड किया और सच्चाई सामने लाने के लिए उसे टेप जारी करना चाहिए.’’

आप के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ने कहा, ‘‘आपने देखा होगा कि उसे बचाने के लिए हम पुलिस से आग्रह कर रहे थे. कृपया सच्चाई दिखाइए कि क्या हमने किसी को उकसाया. कम से कम सदन में तो सच बोलिए.’’ बहरहाल नेताओं ने इन सवालों का जवाब नहीं दिया कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किसान को रैली में आमंत्रित किया था.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने जवाबदेही तय करने के लिए न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि घटना को लेकर कठघरे में खडी दिल्ली पुलिस खुद इसकी जांच नहीं कर सकती.खडगे ने कहा कि न्यायिक जांच जरुरी है क्योंकि केजरीवाल और दिल्ली पुलिस ने घटना के बारे में अलग-अलग बयान दिए हैं. दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने मांग की कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराई जाए.

उन्होंने कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जांच की मांग करते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि दिल्ली पुलिस जो भी जांच करेगी उस पर हमेशा प्रश्नचिह्न लगा रहेगा क्योंकि यह केंद्र के मातहत आती है. आप सवाल कर सकती है कि पुलिस विपक्षी दल के नेता के खिलाफ काम कर रही थी.’’ किसान की खुदकुशी के लिए भाकपा ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की और पार्टी ने गजेन्द्र के परिवार के लिए दस लाख रुपये मुआवजे की मांग की और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को तुरंत वापस लेने की मांग की.

भाकपा महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने बयान जारी कर कहा, ‘‘केंद्र सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर संवेदनहीन है और केवल कारपोरेट घरानों के हित में रुचि ले रही है.’’

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