भूमि कानून से ‘उचित’, ‘पारदर्शी मुआवजा’ शब्द हटाए जाएं: कांग्रेस
नयी दिल्ली: एनडीए सरकार पर ‘‘यूपीए के किसान हितैषी भूमि कानून को बर्बाद करने’’ को लेकर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि 2013 के कानून में ‘‘उचित’’ और ‘‘पारदर्शी मुआवजा’’ जैसे शब्द नहीं होने चाहिए थे. कांग्रेस के विधिक एवं मानवाधिकार प्रकोष्ठ द्वारा ‘भूमि अधिग्रहण अध्यादेश, 2015: किसानों, खेतिहर श्रमिकों एवं खाद्य सुरक्षा […]
नयी दिल्ली: एनडीए सरकार पर ‘‘यूपीए के किसान हितैषी भूमि कानून को बर्बाद करने’’ को लेकर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि 2013 के कानून में ‘‘उचित’’ और ‘‘पारदर्शी मुआवजा’’ जैसे शब्द नहीं होने चाहिए थे.
कांग्रेस के विधिक एवं मानवाधिकार प्रकोष्ठ द्वारा ‘भूमि अधिग्रहण अध्यादेश, 2015: किसानों, खेतिहर श्रमिकों एवं खाद्य सुरक्षा पर इसका प्रतिकूल प्रभाव’ विषय पर आयोजित एक कार्यशाला के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने अध्यादेश को ‘‘किसान विरोधी’’ करार देते हुए कहा कि इससे यूपीए के भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 की मूल भावना ही खत्म हो जाएगी.
मोइली ने कहा, ‘‘सरकार का मकसद है कि निहित स्वार्थ वाले तत्वों की मदद की जाए ताकि वे फिर से जमीन हडप सकें. कांग्रेस हमेशा से इन तत्वों के खिलाफ लडी है. आप इन तत्वों के बारे में जानते हैं, जिनका प्रतिनिधित्व भाजपा और दूसरी पार्टियां कर रही हैं. आपको पता है कि उन्होंने इंदिराजी के समय में हमारे भू हदबंदी कानून का विरोध किया था…राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर. मेरा मानना है कि यह उसी का दोहराव है.’’ कांग्रेस नेता ने व्यंग्यात्मक लहजे में सुझाव दिया कि सरकार को 2013 के कानून से ‘उचित’ और ‘पारदर्शी मुआवजा’ शब्द हटा देना चाहिए क्योंकि अध्यादेश में ये चीजें तो हैं ही नहीं.