पंचायती राज व्यवस्था से दूर कीजिए सरपंच पति कल्चर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पंचायती राज दिवस के मौके पर यहां पंचायत राज्य प्रतिनिधियों के सम्मेलन व सम्मान समारोह में उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि पंचायत व्यवस्था से एसपी कल्चर खत्म होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने अपने आरंभिक राजनीतिक अनुभवों के हवाले से बताया कि एसपी का मतलब सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2015 11:34 AM
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पंचायती राज दिवस के मौके पर यहां पंचायत राज्य प्रतिनिधियों के सम्मेलन व सम्मान समारोह में उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि पंचायत व्यवस्था से एसपी कल्चर खत्म होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने अपने आरंभिक राजनीतिक अनुभवों के हवाले से बताया कि एसपी का मतलब सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस नहीं, बल्कि सरपंच पति है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमें हमारा गांव कैसे याद रखेगा और उन्होंने गांव के हर आदमी से गांव के लिए वक्त देने की अपील की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैं संगठन का काम करता था, तो देश भर का दौरा किया करता था. उस दौरान मेरी बैठक में तरह तरह के लोग शामिल होते थे. कुछ लोग ऐसे शामिल होते थे, जो खुद को एसपी बताते थे, तो मैं पूछता आप एसपी होकर यहां क्यों आय? तो वे बताते थे कि वे पुलिस वाले एसपी नहीं है, बल्कि सरपंच के पति हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह एसपी कल्चर खत्म होना चाहिए और यदि महिला पंचायत प्रतिनिधि चुनी गयीं हैं, तो उन्हें काम करने का मौका मिलना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पंचायत व गांव के विकास के लिए सिर्फ बजट की नहीं, बल्कि इच्छाशक्ति की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसकी कमी दिख रही है. उन्होंने कहा कि जनभागीदारी का माहौल होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे गांव का रूप रंग बदल जायेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महीने में एक बार गांव के सभी सरकारी मुलाजिम बैठ कर गांव के विकास के बारे में सोचें. उन्होंने कहा कि गांव के विकास के बारे सामूहिक रूप से सोचें. उन्होंने कहा कि महीने में एक बार रिटायर्ड लोग भी गांव के बारे में सोचें. प्रधानमंत्री ने कहा अगर बच्चा पढाई छोड देता है, तो इसकी पीडा सरपंच को भी होनी चाहिए.

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