नयी दिल्ली : भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज कहा कि संप्रग सरकार जिस तरह रुपये में गिरावट और आर्थिक मंदी को रोकने में विफल रही और जिस तरह बहाने तलाशने का प्रयास करती रही, उसकी संसद और मीडिया में आलोचना छायी रही.
आडवाणी ने अपनी हाल की ब्लाग पोस्ट में लिखा, संसद और मीडिया दोनों ही जगहों पर पिछले महीने सभी चर्चाओं का केंद्रबिंदु गंभीर आर्थिक संकट रहा, जिसका सामना देश कर रहा है. डालर के मुकाबले रुपये की कीमत में भयावह गति से गिरावट आयी है. उन्होंने कहा कि कई स्तंभकारों ने रुपये में गिरावट और आर्थिक मंदी को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की जमकर निंदा की है.
अपने ब्लाग में आडवाणी ने मीडिया खबरों का विस्तार से हवाला देते हुए कहा कि संप्रग सरकार की पहचान भ्रष्टाचार से जुडती जा रही है और वह बहाने तलाशने का प्रयास करती है, जिसमें अर्थव्यवस्था के सामने पेश आ रही दिक्कतों के लिए वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा कथित रुप से अपने पूर्व मंत्री पर दोष मढने का प्रयास शामिल है.
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में लगातार टिप्पणीकार मौजूदा संकट का स्मरण 1991 के संकट के रुप में कर रहे हैं, जब पी वी नरसिंहराव के नेतृत्व वाली सरकार को भारत के 67 टन स्वर्ण भंडार के बदले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 2 . 2 अरब डालर आपात कर्ज लेना पडा था.