आज के भूकंप ने 1933 में हिमालय क्षेत्र में आये भूकंप की याद को ताजा कर दिया
नयी दिल्ली : पूर्वी एवं उत्तर भारत समेत नेपाल के अनेक इलाकों में शनिवार दिन के पौने बारह बजे से 12.20 बजे के बीच भूकंप के जबरदस्त झटके महसूस किए गए. भूकंप से हुए भारी तबाही के बीच हिमालय में चट्टानों के खिसकने की आशंका जताई गई है. जिससे कुछ पर्वतारोहियों के लापता होने की […]
नयी दिल्ली : पूर्वी एवं उत्तर भारत समेत नेपाल के अनेक इलाकों में शनिवार दिन के पौने बारह बजे से 12.20 बजे के बीच भूकंप के जबरदस्त झटके महसूस किए गए. भूकंप से हुए भारी तबाही के बीच हिमालय में चट्टानों के खिसकने की आशंका जताई गई है. जिससे कुछ पर्वतारोहियों के लापता होने की खबर है. अमेरिकी भूगर्भ विज्ञान सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र नेपाल में था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.9 मापी गई है. वहीं, भूकंप के झटके पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में भी महसूस किए गए. भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल में था इसलिए वहां पर भारी नुकसान की सूचना है.रायटर्स की खबर के अनुसार, वहां 449 लोग मारे गये हैं.
माउंट एवरेस्ट एवलांच से मिल रही खबर के मुताबिक कैंप संख्या-1 एवं कैंप संख्या-2 बह गये हैं. इसके साथ ही कुछ पर्वतारोहियों के लापता होने की खबर है. जानकारी के मुताबिक भूकंप के तीव्र झटकों के बीच हिमालय क्षेणी में अनेक जगह चट्टानें खिसक गई. लापता पर्वतारोहियों के संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. उधर, भूकंप के झटकों से नेपाल में पर्यटक स्थल धरहरा टॉवर गिर गया. जिसमें 400 लोगों के फंसे होने की आशंका है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में कई इमारतें झुक गई हैं.
अमेरिकी भूगर्भ विज्ञान सर्वेक्षण के मुताबिक भूकंप की तीब्रता रिक्टर स्केल पर 7.9 मापी गई और करीब दो मिनट तक झटके महसूस किये गये. थोड़ी ही देर बाद दूसरी बार फिर झटके महसूस किए गए. दूसरी बार आए झटकों की तीव्रता 6.6 के आसपास महसूस की गई. नेपाल के पोखरा से 80 किमी दूर लामजुम में भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है और केंद्र में इसकी गहरायी मात्र 2 किमी थी. नेपाल से सटे होने के कारण भारत के बिहार व उत्तर प्रदेश राज्यों में इसका ज्यादा प्रभाव दिखाई दिया. इससे पहले 1934 में हिमालय क्षेत्र में आये भूकंप के दौरान यहां रहने वाले 8,500 की मौत हो गयी थी. उस दौरान भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.3 मानी गयी थी.