काठमांडो/नयी दिल्ली : नेपाल में शनिवार को शक्तिशाली भूकंप से करीब 1500 लोगों की मौत हो गयी. बीते 80 वर्षो में आये सबसे भयावह जलजले में विश्व विरासत स्थल व सदियों पुरानी धरहरा मीनार सहित कई प्रमुख इमारतें ध्वस्त हो गयीं. वीडियो फुटेज में कई इमारतों को ढहते हुए दिखाया गया है. करीब तीन लाख विदेशी पर्यटक यहां फंसे हैं. काठमांडू के अस्पताल घायल हुए लोगों से भरे पड़े हैं. बहुत सारे घायलों का उपचार अस्पतालों के बाहर खुले में किया जा रहा है.
भूकंप की तीव्रता 7.9 आंकी गयी. इसके बाद 4.5 अथवा इससे अधिक तीव्रता के कम से कम 25 झटके महसूस किये गये. स्थानीय समय अनुसार पहला झटका 11 बज कर 56 मिनट पर आया, जो एक मिनट से भी अधिक रहा. इधर, सेना, पुलिस और आपात सेवा के जवान मलबे में फंसे लोगों को निकालने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटे हुए हैं. आपात चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए भारत से 50 चिकित्सक पहुंच गये हैं.
नेपाली गृह मंत्रालय के अनुसार करीब 400 लोगों की मौत अकेले काठमांडू में हुई है. भक्तपुर में 150, ललितपुर में 67 और धदिंग जिले में 37 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा देश के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई हैं. गृह मंत्रलय ने कहा कि कैबिनेट की आपात बैठक में भूकंप से प्रभावित 29 जिलों को संकटग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है. सूचना मंत्री मिनेंद्र रिजल ने बताया कि हमें विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से सहयोग की जरूरत है, क्योंकि उन्हें ज्यादा जानकारी है और वे इस तरह की आपात स्थिति से निबट सकती है. नेशनल रेडियो ने लोगों को बाहर रहने को कहा है, क्योंकि अभी कई झटके आने की आशंका है.
काठमांडू घाटी बना मलबा
काठमांडू घाटी की अधिकांश इमारतें ध्वस्त हो गयीं. एक हजार से ज्यादा इमारतें जमींदोज हो गयी हैं. इनमें अभी भी सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं. मशहूर भीमसेन टावर गिर गया. यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में शुमार काठमांडो का दरबार चौक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. मशहूर काष्ठ मंदिर और जानकी मंदिर को भी भारी नुकसान पहुंचा है. हालांकि, चमत्कारिक ढंग से पांचवीं सदी के पशुपतिनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
कब्रगाह बना धरहारा मीनार
देश की राजधानी के बीचोंबीच स्थित 19वीं सदी का नौ मंजिला धरहारा मीनार सैकडों पर्यटकों की कबग्राह बन गया जो इस मीनार से काठमांडो घाटी के मनोरम नजारों का दीदार करने आये थे. यह 50.5 मीटर उंची ऐतिहासिक मीनार जमींदोज हो गयी. मलबे से 180 शव निकाल लिये गये हैं. कई लोग अब भी मलबे में दबे हैं.
माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन
दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर पर हिमस्खलन होने से कम से कम 10 पर्वतारोहियों की मौत हो गयी और कई अन्य लापता हैं. मृतकों में कुछ विदेशी भी हैं. आठ लोगों के शव मिले हैं लेकिन उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि नहीं की जा सकती. हिमस्खलन के समय माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर में करीब 400 विदेशियों समेत कम से कम 1000 पर्वतारोही थे.
एहतियात/निर्देश
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक. नेपाल से सटे बिहार व उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों की स्थिति पर भी रिपोर्ट तलब. नेपाल में 250 भारतीय लोग फंसे हैं. अधिकांश महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना के हैं. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि सभी को रविवार को वापस लाया जायेगा. काठमांडू के हवाई अड्डे के रन-वे को बंद किये जाने के बाद घरेलू एयरलाइनों ने अपनी सेवाएं फिलहाल स्थगित कर दी हैं.
बाल-बाल बचे बाबा रामदेव
योग गुरु रामदेव काठमांडू में भूकंप के दौरान बाल-बाल बच गये, क्योंकि लोगों को संबोधित कर वह जिस मंच से उतरे थे, वह कुछ ही देर बाद ढह गया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हमने काठमांडो में रामदेव से संपर्क किया.’’ संकट की इस घडी में उन्होंने वहां रहने की इच्छा जतायी.
तीन दिनों तक भारत-नेपाल के बीच लोकल दर पर कॉल
पटना : भूकंप के कहर ङोल रहे बिहार के उपभोक्ताओं को संचार के क्षेत्र में केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है. अगले तीन दिनों तक भारत से नेपाल और नेपाल से भारत बीएसएनएल के फोन पर लोकल दर पर बातचीत होगी. यह सुविधा बीएसएनएल के उपभोक्ताओं को दी गयी है. भूकंप की खबर आने के तुरंत बाद संचार और आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बात की और उन्हें केंद्र की ओर से हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया. श्री प्रसाद ने बीएसएनएल के अधिकारियों के साथ दो घंटे तक बैठक की और नेपाल और बिहार के बीच रिश्ते को देखते हुए अगले तीन दिनों तक भारत से नेपाल और नेपाल से भारत बात करनेवाले बीएसएनएल उपभोक्ताओं को लोकल दरों पर बात कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि नेपाल के बहुत सारे लोग भारत में रहते हैं और भारत के लोगों का नेपाल के साथ पारिवारिक रिश्ता है, इसलिए एक दूसरे का कुशल क्षेम जानने के लिए बीएसएनएल के नेपाल-भारत के बीच अंतरराष्ट्रीय काल को लोकल कॉल किया गया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद शुक्रवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ तूफान से हुई क्षति का जायजा लेने पूर्णिया आये थे.
मदद को बढ़े हाथ
गूगल ने एक ऐप शुरु किया है जिससे भूकंप में लापता हुए लोगों की तलाश में मदद की जा सकेगी.
भारत ने दो सी 17 ग्लोबमास्टर्स(वायुसेना), सी-130 परिवहन सहित चार विमान, तीन टन राहत सामग्री व 40 सदस्यीय राहत दल नेपाल पहुंचा. इंजीनियरों व डॉक्टरों का दल व सचल अस्पताल भी.
पीएम मोदी ने नेपाल के राष्ट्रपति रामबरन यादव व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से बात की.
पीएम ने बिहार, सिक्किम, यूपी, पश्चिम बंगाल और मप्र के मुख्यमंत्रियों से बात की. हर संभव मदद का दिया आश्वासन.
वायुसेना के दूसरे विमान से 100 भारतीय आये, अब तक 155 को निकाला
भारतीय वायुसेना के एक और विमान से आज रात काठमांडो से करीब 100 भारतीय यहां पहुंचे। इससे पहले भूकंप प्रभावित नेपाल से चार नवजात बच्चों समेत 55 भारतीयों को वापस लाया गया था. करीब 100 भारतीयों का दूसरा समूह वायु सेना के विमान सी-17 में यहां पहुंचा. विमान यहां से एनडीआरएफ के 96 सदस्यों और 15 टन राहत सामग्री लेकर काठमांडो गया था। रक्षा मंत्रलय के अधिकारियों ने बताया कि विमान रात 12:20 बजे के आसपास पालम हवाईअड्डे पर उतरा. इसके साथ नेपाल से अब तक चार नवजात बच्चों समेत 155 भारतीय वापस आ गये हैं. इससे पहले रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि विमान सी-130जे नई दिल्ली से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल :एनडीआरएफ: के सदस्यों और राहत सामग्री लेकर काठमांडो के लिए रवाना हुआ था और रात करीब 10:45 बजे 55 भारतीयों को लेकर यहां उतरा. भारत ने सी-130 जे के अलावा वायु सेना के दो अन्य विमान आईएल-76 और सी-17 को भी नेपाल की राजधानी काठमांडो में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए वहां भेजा.