मन की बात में छलका प्रधानमंत्री का दर्द कहा, इस दुख की घड़ी में हिन्दुस्तान आपके साथ
नयी दिल्ली: शनिवार के बाज आज रविवार को भी भूकंप के झटके महसूस किये गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में अपना दर्द बयां किया. प्रधानमंत्री ने अपने आवास 7 आरसीआर में उच्चस्तरीय बैठक बुलायी. इस बैठक में गृह मंत्री रक्षा मंत्री समेत कई अहम मंत्रालय के मंत्री शामिल थे. इस बैठक […]
नयी दिल्ली: शनिवार के बाज आज रविवार को भी भूकंप के झटके महसूस किये गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में अपना दर्द बयां किया. प्रधानमंत्री ने अपने आवास 7 आरसीआर में उच्चस्तरीय बैठक बुलायी. इस बैठक में गृह मंत्री रक्षा मंत्री समेत कई अहम मंत्रालय के मंत्री शामिल थे. इस बैठक में राहत कार्य में तेजी लाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचाने पर चर्चा हुई
225 यात्रियों को लेकर भारतीय एयरफोर्स का C-17 विमान दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ में राष्ट्र के साथ अपना विचार साझा कर रहे हैं. पढिए पीएम के मन की बात में कही गयी बात-
प्यारे देशवासियो,नमस्कार. मन की बात करने का मन नहीं हो रहा था आज. बोझ अनुभव कर रहा हूँ, कुछ व्यथित सा मन है.मेरे प्यारे नेपाली भाईओ-बहनो इस दुःख की घड़ी में हिन्दुस्तान आपके साथ है.हमारा सबसे पहला काम है रेस्क्यू ऑपरेशन, लोगों को बचाना. अभी भी मलबे में दबे हुए कुछ लोग जीवित होंगे, उनको जिन्दा निकालना हैं.
मानवता की अपनी एक ताकत होती है. सवा-सौ करोड़ देश वासियों के लिए नेपाल अपना है. उन लोगों का दुःख भी हमारा दुःख है.फ्रांस में विश्व युद्ध में मार्च 1915 में करीब 4,700 हिनदुस्तानियों ने बलिदान दिया. उनके सम्मान में फ्रांस ने वहां स्मारक बनाया है.भारत ऐसा देश है जो दुनिया के सुख,शांति और कल्याण के लिए अगर ज़रूरत पड़े तो जान की बाज़ी भी लगा देता है.
हम पूज्य बाबा साहेब अम्बेडकर की 125 वीं जयन्ती मना रहे हैं.भारत सरकार ने उनका स्मारक बनाने के लिए मुंबई में जमीन देने का निर्णय किया.दिल्ली में बाबा साहेब अम्बेडकर के नाम से एक इंटरनेशनल सेंटर बने, यह वर्षों से लटका पड़ा विषय था, इसको भी पूरा किया, शिलान्यास किया.देश में कुछ परिवार हैं जो सर पे मैला ढ़ोने के लिए मजबूर हैं.मेरा आग्रह है कि हम अम्बेडकर जी की 125वीं जयन्ती पर इस कलंक से मुक्ति पाएं.