आंध्र प्रदेश के मंदिर में मिले दुर्लभ सिक्के

राजमुंदरी : आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में स्थित एक 300 वर्ष पुराने शिव मंदिर में 19वीं सदी के ढेर सारे दुर्लभ सिक्के मिले हैं.क्षीरा रामालिंगेस्वरा स्वामी मंदिर के कार्यकारी अधिकारी सूर्यचंद्र राव ने बताया कि पिछले वर्ष नवंबर महीने में मंदिर का ‘ध्वजस्थंभम’ :खंभा: धवस्त हो गया था. पिछले महीने इसकी मरम्मत के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2013 12:14 PM

राजमुंदरी : आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में स्थित एक 300 वर्ष पुराने शिव मंदिर में 19वीं सदी के ढेर सारे दुर्लभ सिक्के मिले हैं.

क्षीरा रामालिंगेस्वरा स्वामी मंदिर के कार्यकारी अधिकारी सूर्यचंद्र राव ने बताया कि पिछले वर्ष नवंबर महीने में मंदिर का ‘ध्वजस्थंभम’ :खंभा: धवस्त हो गया था. पिछले महीने इसकी मरम्मत के लिए हुई खुदाई के दौरान खंभों के नीचे से 975 दुलर्भ सिक्के मिले थे, जिनमें 5 सोने, 40 चांदी और 930 तांबे के सिक्के थे.

उन्होंने कहा कि 150 फीट लंबे ध्वजस्थंभम के नीचे से जो सिक्के मिले हैं, उनमें से ज्यादातर वर्ष 1853 से वर्ष 1873 के बीच के हैं. खुादाई में मिले सोने के सिक्कों में प्रत्येक का वजन 22 ग्राम है, जिनमें से एक नेपोलियन काल का सिक्का है.

राव ने कहा कि कुछ श्रद्धालुओं का मानना था कि ध्वजस्थंभम का ध्वस्त होना अशुभ है और वे इन सभी सिक्कों को पल्लाकोलू मंदिर के खंभे के नीचे वापस रखने को कह रहे थे.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हाल ही में ध्वजस्थंभम की पुनस्र्थापना के समय श्रद्धालुओं की इच्छानुसार सभी सिक्कों को वापस खंभों के नीचे रख दियगया.

प्राचीन मंदिर स्थल से मिले इन दुलर्भ सिक्कों के बारे में पुरातत्व विभाग को सूचित किया गया है, जिसके बाद वे इस पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.

हालांकि इन सिक्के की कीमतों का आकलन नहीं किया गया था.

अधिकारियों ने कहा कि चालुक्य शासकों ने 300 वर्ष से अधिक समय पहले यह मंदिर बनवाया था और बाद में रेड्डी राजा द्वारा इसे पुननिर्मित किया गया. भारतीय पुरात्व विभाग ने इसे संरक्षित स्मारकों की श्रेणी में रखा है.

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