अदालत ने राहुल गांधी को सम्मन जारी किया

चंडीगढ़ : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को एक अधिवक्ता की याचिका पर यहां की एक अदालत ने आज सम्मन जारी किया. अधिवक्ता ने तकरीबन दो साल पहले एक चुनावी रैली में उत्तर प्रदेश और बिहार के निवासियों के बारे में की गई कथित ‘मानहानिकारक, अपमानजनक’ टिप्पणी पर अपनी याचिका में आपत्ति जताई है. भारतीय युवा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2013 6:53 PM

चंडीगढ़ : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को एक अधिवक्ता की याचिका पर यहां की एक अदालत ने आज सम्मन जारी किया. अधिवक्ता ने तकरीबन दो साल पहले एक चुनावी रैली में उत्तर प्रदेश और बिहार के निवासियों के बारे में की गई कथित ‘मानहानिकारक, अपमानजनक’ टिप्पणी पर अपनी याचिका में आपत्ति जताई है.

भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर राहुल ने 14 नवंबर 2011 को फूलपुर से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए कथित तौर पर कहा था, ‘‘कब तक आप जाएंगे और पंजाब और दिल्ली में मजदूरी करते रहेंगे. कब तक आप महाराष्ट्र में (काम के लिए) भीख मांगते रहेंगे.’’

याचिकाकर्ता ने कहा, ‘‘:शिवमूर्ति यादव बनाम राहुल गांधी मामले में: प्रतिवादी का उपरोक्त बयान साफ तौर पर मानहानिकारक, अपमानजनक बयान है जिसने याचिकाकर्ता और वैसी ही स्थिति वाले लोगों की छवि, प्रतिष्ठा और सम्मान को अपूर्णीय क्षति पहुंचाई है.’’ न्यायिक मजिस्ट्रेट जसविंदर सिंह ने 19 सितंबर के लिए ‘‘राहुल गांधी, महासचिव, एसआईसीसी सी बाई ओ अध्यक्ष, एआईसीसी, 10 जनपथ, नई दिल्ली’’ के लिए दस्ती ‘सम्मन’ जारी किया.

‘दस्ती सम्मन’ नई दिल्ली में सीएमएम अदालत, पटियाला हाउस को तामील करने और निर्धारित तारीख से पहले लौटाने के लिए भेजा गया है क्योंकि इससे पहले 17 अगस्त को जारी सम्मन की तामील नहीं हो सकी थी.

सम्मन में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता ने आपके खिलाफ मामला दायर किया है. आपको निर्देश दिया जाता है कि 19 सितंबर 2013 को व्यक्तिगत तौर पर या अपने वकील के जरिए उपस्थित हों. आपको निर्देश दिया जाता है कि उस दिन अपने बचाव के समर्थन में जिन दस्तावेजों पर भरोसा करने की आपकी मंशा है उसे पेश करें.’’

साथ ही कहा गया, ‘‘इस बात पर गौर करें कि उल्लिखित तारीख पर आपकी अनुपस्थिति में भी मुकदमा, आवेदन, अपील पर सुनवाई की जाएगी और आपकी अनुपस्थिति में भी फैसला किया जाएगा.’’ याचिकाकर्ता ने दिसंबर 2011 में याचिका दायर की थी जिसमें दो राज्यों के लोगों की भावना को आहत करने का राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया था.

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