Loading election data...

भूकंप संकट में मोदी ने खुद संभाली कमान

मिथिलेश झा नेता और उसके नेतृत्व क्षमता की पहचान मुश्किल घड़ी में होती है. नेपाल में भूकंप आया, तो भारत यह कम मुश्किल की घड़ी नहीं थी. भारत के कई राज्यों के साथ चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, भूटान भी हिल उठे. नेपाल के बाद सबसे ज्यादा तबाही भारत में हुई. गंभीरता का पता चलते ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2015 9:57 AM

मिथिलेश झा

नेता और उसके नेतृत्व क्षमता की पहचान मुश्किल घड़ी में होती है. नेपाल में भूकंप आया, तो भारत यह कम मुश्किल की घड़ी नहीं थी. भारत के कई राज्यों के साथ चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, भूटान भी हिल उठे. नेपाल के बाद सबसे ज्यादा तबाही भारत में हुई. गंभीरता का पता चलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के साथ अपने पड़ोसी देश नेपाल में भी सबसे पहले राहत एवं बचाव अभियान की रणनीति पर काम शुरू कर दिया.
मुआवजे की राशि बढ़ायी
रविवार को आपात बैठक करके मृतकों के परिजनों को दी जानेवाली मुआवजा राशि दो लाख से छह लाख रुपये करने के निर्देश दिये. केंद्रीय आपदा प्रबंधन टीम और भारतीय सेना को राहत कार्य में तेजी लाने को कहा. कहा कि नेपाल में फंसे भारतीयों को प्राथमिकता के आधार स्वदेश लाने की इंतजाम किया जाये.

फोन पर की बात

भूकंप आने के तत्काल बाद नेपाल के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से फोन पर बात की. इसके साथ ही नेपाल को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया. इसके तुरंत बाद बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के साथ मध्यप्रदेश व कुछ अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की. सबको तत्परता से संकट की इस घड़ी में काम करने का निर्देश दिया, कहा-केंद्र की तरफ से उन्हें हरसंभव मदद भी दी जायेगी. नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कुमार कोइराला, जो उस वक्त बैंकॉक में थे, को भी मोदी ने फोन पर संपर्क साध कर आपदा से निबटने में कंधे से कंधा मिला कर काम करने का आश्वासन दिया.

Next Article

Exit mobile version