भूमि अधिग्रहण के विरोध में पदयात्रा कर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करेंगे राहुल गांधी
नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपनी विदेश यात्रा के बाद कांग्रेस की राजनीति को ऊपर उठाने में अपना पूरा दमखम लगा रहेहैं. वापसी के तुरंत बाद उन्होंने रामलीला मैदान पर एक कांग्रेस की किसान महारैली को संबोधित किया. अब राहुल अगले महीने से किसानों के हितों को मुद्दा बनाककर कई राज्यों की पदयात्रा […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपनी विदेश यात्रा के बाद कांग्रेस की राजनीति को ऊपर उठाने में अपना पूरा दमखम लगा रहेहैं. वापसी के तुरंत बाद उन्होंने रामलीला मैदान पर एक कांग्रेस की किसान महारैली को संबोधित किया. अब राहुल अगले महीने से किसानों के हितों को मुद्दा बनाककर कई राज्यों की पदयात्रा करेंगे. एक अंग्रेजी अखबार में छपि खबर के अनुसार इस पदयात्रा के दौरान राहुल लगभग 15 से 18 किलोमीटर तक पैदल चलकर गांवों का दौरा करेंगे.
राहुल के पदयात्रा की शुरुआत महाराष्ट्र या तेलंगाना के गावों से शुरू होने की संभावना जतायी जा रही है. इस पदयात्रा का मकसद भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसानों को जागरूक करेंगे. राहुल गांधी अपनी इस पदयात्रा के साथ न सिर्फ अपनी राजनीतिक जमीन और मजबूत करेंगे बल्कि कांग्रेस के खिसकते जनाधार को भी समेटने की कोशिश करेंगे. 2014 के लोकसभा और कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब रही ऐसे में कांग्रेस के नेता भी पार्टी में नयी जान और नयी शुरूआत की उम्मीद कर रहे थे. राहुल गांधी के 59 दिन तक सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बाद भाजपा समेत कई दूसरी पार्टियों ने सवाल खड़े किये थे.
पार्टी भी इन सवालों का जवाब देने से बच रही थी. अब राहुल की वापसी ने पार्टी में एक नया रंग भर दिया है. राहुल गांधी भी पूरे जोश में है वापसी के बाद उन्होंने सदन में दो मुद्दो पर अपनी बात रखी. केदरानाथ की यात्रा की और अब पदयात्रा की शुरुआत करेंगे. राहुल बदलती राजनीति के बदलते अंदाज को अब समझने लगे हैं पार्टी में भी दिग्विजय सरीखे नेता राहुल को कमान सौंपने की मांग कर रहे हैं लेकिन राहुल जबतक अपनी छवि एक मजबूत नेता के रूप में नहीं बनाते संभव है कि पार्टी में उन्हें अध्यक्ष पद सौंप जाने के लेकर मतभेद हो.