नयी दिल्ली : लोकसभा में नेपाल और भारत के कुछ क्षेत्रों में आये भूकंप पर सदन में चर्चा हुई. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने लोकसभा में जानकारी दी कि सरकार नेपाल और भारत के प्रभावित क्षेत्रों में राहत का हर संभव प्रयास कर रही है. इस पूरी घटना पर राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तत्परता की भी तारीफ की उन्होंने कहा, मुझे इस बात को स्वीकार करने में रंच मात्र भी संकोच नहीं है कि गृहमंत्री होने के बाद भी मुझे इस घटना की जानकारी प्रधानमंत्री ने दी.
गृहमंत्री ने कहा, ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है. इस दुख की घड़ी में सरकार भारत वासियों और नेपाल वासियों के साथ हैं. इस घटना के बाद प्रधानमंत्री ने 11 राज्य के मुख्यमंत्री से बात की. मैंने(राजनाथ) भी तीन राज्यों के मुख्यमंत्री से बात की. यह तीन राज्य उत्तराखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश नेपाल बॉर्डर से सटे हैं हमने उनसे अनुरोध किया कि वह तुरंत सहायता के लिए बस नेपाल रवाना करें. नेपाल जाने के रास्तो में चिकित्सा शिविर लगाये. इस सदन में मुझे कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि उन्होंने भी इस पर तत्परता दिखायी. उनकी यह तेजी प्रशंसा के काबिल है.
लोकसभा में बयान देते हुए गृह मंत्री ने कहा, हम जानतेहैंकि सदन इस पूरी घटना की जानकारी और अबतक के बचाव कार्य की भी जानकारी चाहतेहैं. राजनाथ ने भूकंप की घटना और राहत कार्यों की विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि नेपाल में 7.9 तीव्रता का भूकंप आया. पूरे देश में इससे मरने वालों की संख्या 72 है. मरने वालों में बिहार में अबतक सबसे ज्यादा 56 मौत होने की खबर है. घायलों की संख्या 280 से अधिक है,जो राज्य सरकारें भूकंप से प्रभावित हुई है हम उनसे लगातार संपर्क बनाये हुए हैं और संभव मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वंय इस पूरी परिस्थिति पर नजर रखे हुए हैं. 10 एनडीआरएफ की टीमें नेपाल भेज दी गयी हैं और छह टीमें भेजने की तैयारी की जा रही है. जरूरत का सारा सामान भी भेजा जा रहा है जिनमें 22 टन खाद्य प्रदार्थ, 1400 कंबल, तंबू, दवाइयां आदि शामिल हैं. नेपाल में फंसे लोगों में अबतक 2500 से अधिक लोगों को बाहर निकाला जा चुका है. नेपाल से बाहर निकालने के लिए हम हवाई और सड़क मार्ग दोनों का उपयोग कर रहे हैं.
हमारी कोशिश है कि जो विदेशी यात्रीइस त्रासदी के बाद नेपाल से भारत आ रहे हैं उनके लिए तुरंत वीजा और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाए. इस घटना में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिवार वालों को कुल छह लाख का मुआवजा सरकार दे रही है. इसके अलावा जिनके घर इस त्रासदी में ढह गये उन्हें बनाने और वापस खड़ा करने में भी सरकार पूरी मदद करेगी. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अंत में इस घटना में मारे गये लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और देशवासियों के साथ- साथ नेपाल वासियों को भी भरोसा दिया कि उनकी हर संभव मदद के लिए सरकार तत्पर है.