‘दिल्ली जैसे शहरों में मामूली भूकंप से भी हो सकती तबाही’

नयी दिल्ली: नेपाल में भूकंप से विनाश के बीच विशेषज्ञों ने आज आगाह किया कि भूकंप के मामूली झटके से भी दिल्ली जैसे भारतीय शहरों में भारी तबाही आ सकती है. उन्होंने देश के भवन नियमन में खामियों का उल्लेख किया. ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट’ (सीएसई) ने भारतीय भवनों की हालत और गुणवत्ता के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2015 9:13 PM

नयी दिल्ली: नेपाल में भूकंप से विनाश के बीच विशेषज्ञों ने आज आगाह किया कि भूकंप के मामूली झटके से भी दिल्ली जैसे भारतीय शहरों में भारी तबाही आ सकती है. उन्होंने देश के भवन नियमन में खामियों का उल्लेख किया.

‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट’ (सीएसई) ने भारतीय भवनों की हालत और गुणवत्ता के ‘खराब’ होने का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में भूकंप के बिना ही कई इमारतों के गिरने की घटनाएं होती हैं तथा दिल्ली में 70-80 फीसदी भवनों में नियमन का उल्लंघन हुआ है.

सीएसई के वरिष्ठ शोधकर्ता अविकल सोमवंशी ने कहा, ‘‘विशेषज्ञों का अनुमान है कि मामूली तीव्रता के भूकंप से भी भारत खासकर दिल्ली जैसे बडे शहरों में जानमाल का भारी नुकसान हो सकता है. दिल्ली में 90 फीसदी भवनों का निर्माण राजगीरों अथवा कांट्रेक्टर द्वारा किया गया है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘नवनिर्मित मकानों में भी कभी कभार ही राष्ट्रीय भवन संहिता-2015, दिल्ली के मास्टर प्लान-2021, भवनों से संबंधित कानूनों का पालन किया जाता है.’’ साल 2006 में गठित तेजेंद्र खन्ना समिति का हवाला देते हुए सीएसई ने कहा कि समिति ने पाया कि 70-80 फीसदी ढांचों में भवन एवं विकास नियंत्रण नियमन का उल्लंघन किया गया.

सोमवंशी ने कहा, ‘‘जब भूकंप रोधी स्थिति की बात करते हैं तो उस संदर्भ में भारतीय भवनों की हालत और गुणवत्ता काफी खराब है.’’

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