25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

”आप” का रहा है विवादों से पुराना नाता

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी का गठन 26 नवंबर 2012 को हुआ. इस पार्टी ने समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन से जन्म लिया. दिल्ली में 2013 के चुनाव मे इस पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ा और 28 सीटों के साथ दूसरे नंबर की पार्टी बनी जिसके बाद इसने कांग्रेस के समर्थन से 49 […]

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी का गठन 26 नवंबर 2012 को हुआ. इस पार्टी ने समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन से जन्म लिया. दिल्ली में 2013 के चुनाव मे इस पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ा और 28 सीटों के साथ दूसरे नंबर की पार्टी बनी जिसके बाद इसने कांग्रेस के समर्थन से 49 दिनों की सरकार भी चलाई. इसके बाद 2015 में आप ने दिल्ली की 70 सीट में से 67 पर कब्जा करके सबको चौंका दिया. करीब ढाई साल में पार्टी ने अपना लोहा मनवाया और लोकसभा में भी अपने चार सदस्य भेजे लेकिन पार्टी हमेशा से विवादों में रही है.

सोमवार को बिहार के भागलपुर विश्‍वविद्यालय ने दिल्ली हाइकोर्ट को बताया कि दिल्ली के विधि मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर का अंतरिम प्रमाणपत्र जाली है और इसका संस्थान के रिकॉर्ड में अस्तित्व नहीं है. तोमर ने इसी विश्वविद्यालय से विधि की शिक्षा प्राप्त करने का दावा किया है. यह पहली बार नहीं है जब आप का कोई विधायक विवादों में है. इससे पहले भी कई मंत्री और विधायक किसी न किसी कारण से खबरों की सुर्खियों में रहे हैं.

‘आप’ विधायक राखी बिरला का विवादों से पुराना नाता है. आम आदमी पार्टी के 49 दिनों की सरकार में उन्हें मंत्री पद दिया गया. इस दौरान एक बच्चे की गेंद से उनकी गाड़ी का शीशा टूटा जिसके बाद मीडिया में उनपर हमले की खबर चलने लगी. हाल के दिनों में ‘आप’ विधायक राखी बिड़ला की बर्थ डे पार्टी में भी जमकर मारपीट हुई थी और उनपर बर्थ डे में महंगी गाड़ी गिफ्ट लेने का भी आरोप लगा था हालांकि बाद में पार्टी की ओर से इस मामले में सफाई दी गई. आम आदमी पार्टी के 49 दिनों की सरकार में विवादों में रहने वाले दूसरे नेता सोमनाथ भारती हैं. खिड़की एक्सटेंशन विवाद में वे खबरों की सुर्खियों में रहे हैं. इस मामले में वे एक पुलिस अधिकारी से उलझते दिखे थे.

कुछ दिन पहले ही ‘आप’ विधायक अलका लांबा ने दिल्ली की सड़क पर एक युवक को थप्पड़ जड़ दिया था. उन्होंने इस संबंध में एक ट्वीट किया और कहा था कि उसने छेड़छाड़ करने की कोशिश की जिसके कारण मैंने उसे थप्पड़ जड़ा. इस खबर ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी.

आम आदमी पार्टी सबसे अधिक विवादों में तब आई जब उसने दिल्ली में अपनी दूसरी पारी शुरू की. सरकार बनाते ही पार्टी ने बागी नेताओं पर गाज गिराना शुरू किया. पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया कि चुनाव के दौरान प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने पार्टी को हराने के लिए काम किया. 4 मार्च को दोनों नेताओं को पार्टी की पीएसी से निकाला और बाद में 28 मार्च को पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी से निकाला. बाद में दोनों नेताओं सहित कई नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया जिसमें प्रो आन्नद कुमार और अजीत कुमार भी शामिल हैं. 28 मार्च को आप कर बैठक में मारपीट भी हुई जिसमें बागी नेता को चोट लगी. योगेंद्र यादव ने इसके बाद कहा कि ‘पार्टी में लोकतंत्र की हत्या की गई है.’

पीएसी से निकाले जाने के बाद प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव डॉ आनंद कुमार की ओर से प्रेस कॉफ्रेंस करके एक वीडियो जारी किया गया जिसमें अरविंद केजरीवाल अपशब्द कहते हुए नजर आये. इस वीडियो के बाद आने के बाद कई नेताओं ने पार्टी से नाता ताड़ा जिसमें अंजलि दमानिया प्रमुख हैं.

आम आदमी पार्टी के पहले बागी नेता के रूप में बिनोद कुमार बिन्नी का नाम आता है जिसे पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया. वे पार्टी की आंतरिक गतिविधि से नाराज थे. पार्टी ने आरोप लगाया कि उन्हें सरकार में मंत्री पद नहीं दिया गया जिससे वे नाराज हो गये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें