लोस में उठा पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा
नयी दिल्ली : लोकसभा में आज भाजपा, माकपा, राजद, तृणमूल कांग्रेस आदि ने पेट्रोल, डीजल की कीमतों में आए दिन की जाने वाली वृद्धि के विषय को उठाते हुए इसके लिए संप्रग सरकार की खराब आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया.इस विषय को उठाने के लिए कई सदस्यों ने कार्यस्थगत प्रस्ताव पेश किया था लेकिन अध्यक्ष […]
नयी दिल्ली : लोकसभा में आज भाजपा, माकपा, राजद, तृणमूल कांग्रेस आदि ने पेट्रोल, डीजल की कीमतों में आए दिन की जाने वाली वृद्धि के विषय को उठाते हुए इसके लिए संप्रग सरकार की खराब आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया.इस विषय को उठाने के लिए कई सदस्यों ने कार्यस्थगत प्रस्ताव पेश किया था लेकिन अध्यक्ष मीरा कुमार ने इसे स्वीकार नहीं किया. हालांकि उन्होंने प्रस्ताव रखने वाले सदस्यों को इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाने की अनुमति दी.
आज सदन की कार्यवाही शुरु होने पर कोयला मुद्दा, बंजारा प्रकरण पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस्तीफे की मांग समेत अन्य मुद्दों पर शोर शराबे के बीच कई दलों के सदस्यों ने इस विषय को उठाया और सरकार से बढ़ी कीमतें वापस लेने तथा पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय कर में कटौती करने की मांग की.
लोकसभा में भाजपा के अनंत कुमार ने कहा, ‘‘ अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है और महंगाई बढ़ रही है. इस सब के लिए मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की आर्थिक नीति और कुप्रबंधन जिम्मेदार है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस शासनकाल में नियमित रुप से पेट्रोल, डीजल की कीमतें बढ़ाई जाती है और अब पेट्रोल की कीमत 75 रुपये और डीजल की कीमत 53 रुपये हो गई है.
इस सब के बीच पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली रात आठ बजे से पेट्रोल पंप बंद करने की बात कह रहे हैं. रुपये का अवमूल्यन होने से आयात पर दबाव बढ़ा है.’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ यह आम आदमी की नहीं बल्कि खास आदमी और जमाखोरों का पोषण करने वाली सरकार है.’’