कोयला मामले में प्रधानमंत्री जांच के लिए आगे आएं : सुषमा

नयी दिल्ली : कोयला मंत्रालय की गुम फाइलों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर सीधा प्रहार करते हुए भाजपा ने आज कहा कि यह मामला गुम फाइलों का नहीं बल्कि फाइलों की चोरी का है और मनमोहन सिंह को इस मामले में जांच के लिए स्वयं को प्रस्तुत करना चाहिए.लोकसभा में कोयलाब्‍लॉकआवंटन से जुड़ी गुम फाइलों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2013 5:11 PM

नयी दिल्ली : कोयला मंत्रालय की गुम फाइलों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर सीधा प्रहार करते हुए भाजपा ने आज कहा कि यह मामला गुम फाइलों का नहीं बल्कि फाइलों की चोरी का है और मनमोहन सिंह को इस मामले में जांच के लिए स्वयं को प्रस्तुत करना चाहिए.लोकसभा में कोयलाब्‍लॉकआवंटन से जुड़ी गुम फाइलों के विषय को उठाते हुए विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘ नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने भ्रष्टाचार के जितने भी मामले उजागर किये है, उसमें कोयला ब्‍लॉकआवंटन मामला ऐसा है जिसमें प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) स्वयं घेरे में है, क्योंकि तब यह मंत्रालयप्रधानमंत्री के पास था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इस विषय में प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम फाइल का पता लगायेंगे. अगर कल प्रधानमंत्री रुकते तब मैं उनसे पूछती कि इस मामले में प्रयास करने की प्रथम पहल एफआईआर दर्ज करने से होती. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. यह मामला ‘‘ गुम फाइल’’ का नहीं बल्कि ‘फाइलों की चोरी’ का है, क्योंकि अगर चार छह दिन तक कोई चीज नहीं मिले तो हमें समझना चाहिए कि चीज चोरी हो गई है.’’

सुषमा ने कहा, ‘‘ हम सरकार से पूछते हैं कि वह कब तक इस मामले में एफआईआर दर्ज करेगी, वरना उसकी नियत पर शक होगा. क्योंकि इससे जुड़ी सूची में ऐसे लोगों के नाम हैं जो कांग्रेस से जुड़े हैं.’’

विपक्ष की नेता ने कहा, ‘‘ इस मामले में सीबीआई पर कोई दबाव नहीं डाला जाना चाहिए और प्रधानमंत्री को स्वयं आगे आना चाहिए और कहना चाहिए कि वह जांच के लिए उपलब्ध हैं.’’ सुषमा ने कहा कि इस मामले में एक खबर यह भी आई है कि सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा है कि इस विषय को तब तक तार्किक परिणति तक नहीं ले जाया जा सकता है जब तक प्रधानमंत्री इसके दायरे में नहीं आते.

भाजपा नेता ने कहा कि कोयलाब्‍लॉकआवंटन में भ्रष्टाचार प्रकरण के अलग अलग आयाम सामने आते रहे हैं. सबसे पहले कैग ने देश को. 86 लाख करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान और आवंटन में भाई भतीजावाद की बात कही. यह मामला संसद में उठा और उच्चतम न्यायालय ने इसे सीबीआई जांच के लिए सौंपा.

सुषमा ने कहा कि इस मामले में एक नया आयाम उस समय आया जब सीबीआई रिपोर्ट तैयार कर रही थी और तत्कालीन विधि मंत्री ने अपने कक्ष में रिपोर्ट से प्रधानमंत्री से जुड़ी टिप्पणियों को हटाया जिसके बाद उक्त मंत्री को पद छोड़ना पड़ा.उन्होंने कहा कि इसके बाद जब सीबीआई ने कोयला मंत्रालय से फाइल मांगी तब मंत्रालय ने कहा कि 156 फाइलें गायब हो गई है. फिर जब हमने प्रधानमंत्री से जवाब मांगा तब प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम फाइलें ढूंढ रहे हैं.

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