एनजीओ ने की मोदी की गिरफ्तारी और राष्ट्रपति शासन की मांग
अहमदाबाद : भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी डी जी वंजारा के त्यागपत्र में गुजरात में हुई मुठभेड़ों के मामले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर दोष लगा जाने की पृष्ठभूमि में गुजरात स्थित एक गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन ने आज मोदी की गिरफ्तारी की मांग की और कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना […]
अहमदाबाद : भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी डी जी वंजारा के त्यागपत्र में गुजरात में हुई मुठभेड़ों के मामले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर दोष लगा जाने की पृष्ठभूमि में गुजरात स्थित एक गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन ने आज मोदी की गिरफ्तारी की मांग की और कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए.
जन संघर्ष मंच नाम के इस गैर सरकारी संगठन के संयोजक अमरीश पटेल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, वंजारा ने अपने त्यागपत्र में स्वीकार किया है कि वह गुजरात सरकार में उच्चतम स्थान पर रची गयी एक बड़ी साजिश का अंग रहे हैं. समय आ गया है कि मोदी और अन्य मंत्रियों को गिरफ्तार किया जाये और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए. यह गैर सरकारी संगठन अधिवक्ता मुकुल सिन्हा द्वारा संचालित है जो 2004 के फर्जी मुठभेड़ कांड में इशरत जहां और तीन अन्य के साथ मारे गये जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै के पिता गोपीनाथ पिल्लै का मामला लड़ रहे हैं.
पटेल ने कहा, वंजारा की स्वीकारोक्ति के संदर्भ में मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए और मौजूदा विधानसभा को भंग कर दिया जाना चाहिए अन्यथा यह राष्ट्रपति का संवैधानिक दायित्व है कि वह संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य सरकार को बर्खास्त कर दें. फर्जी मुठभेड़ के कई मामलों में इस समय साबरमती केंद्रीय जेल में बंद वंजारा ने अपने दस पृष्ठ के त्यागपत्र में लिखा है कि मामलों में आरोपी बनाये गये अधिकारियों और कर्मचारियों ने सिर्फ राज्य सरकार की सोची समझी नीति को पूरी तरह लागू किया.
वंजारा ने राज्य सरकार और खासतौर से राज्य के पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह पर उनसे (वंजारा से ) और फर्जी मुठभेड़ों के विभिन्न मामलों में जेल में बंद 32 अन्य अधिकारियों से छल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह मोदी को भगवान मानते थे लेकिन उन्होंने भी शाह के प्रभाव में आकर उनका साथ नहीं दिया. पटेल ने वंजारा की आलोचना करते हुए कहा, उन्होंने (वंजारा ने) निर्दोष लोगों की हत्या किए जाने पर कोई पछतावा नहीं दिखाया. इसे उनका हृदय परिवर्तन नहीं माना जा सकता इसलिए उनसे कोई सहानुभूति नहीं दिखायी जानी चाहिए.पटेल ने कहा कि मुठभेड़ के चार मामलों की जांच कर रही सीबीआई भी इन मुठभेड़ों के पीछे की बड़ी साजिश के पहलू का पता लगा पाने में विफल रही.
उन्होंने कहा, हम अपने मुवक्किलों की ओर से वंजारा का पत्र सीबीआई को भेजेंगे और मोदी, अमित शाह तथा इस साजिश में शामिल अन्य मंत्रियों की जांच करने की मांग करेंगे. पटेल राज्यपाल कमला बेनीवाल को एक ज्ञापन सौंपकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने और इस संबंध में गुजरात उच्च न्यायालय की शरण में जाने की योजना बना रहे हैं.