नयी दिल्ली : वाम दलों के भारी विरोध के बावजूद मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सहयोग से लोकसभा ने आज काफी समय से लंबित ‘पेंशन निधि विनियमन एवं विकास प्राधिकरण विधेयक 2011 ’ को मंजूरी प्रदान कर दी.विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि इस विधेयक में स्थायी समिति की लगभग सभी सिफारिशों को स्वीकार किया गया है और लोगों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया गया है.
उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से पेंशन योजना को आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया जिसमें लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि उनके पैसे का निवेश कहां किया जा रहा है. प्राधिकार इस बात को अधिसूचित करेंगे कि पैसे का निवेश कहां किया जा रहा है.चिदंबरम ने कहा कि पेंशन बाजार, इक्विटी बाजार और अन्य बाजार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए इनके बीच संतुलन बनाये जाने की जरुरत है क्योंकि सभी में निवेश की सीमा निर्धारित है.
उन्होंने कहा कि 26 राज्य राष्ट्रीय पेंशन योजना में शामिल हुए हैं और तमिलनाडु भी अधिसूचना के माध्यम से इससे जुड़ चुका है. आज की तिथि में इस योजना के कुल ग्राहकों की संख्या 52 लाख से अधिक है और कुल अस्तियां 34,965 करोड़ रुपये हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि यह विधेयक एक शानदार उदाहरण है कि किस तरह से एक पूर्ववर्ती सरकार (राजग) इसे अधिसूचित करती है, दूसरी सरकार (संप्रग।) इसे पेश करती है और फिर इसे स्थायी समिति में भेजा जाता है और अगली सरकार (संप्रग 2) में इसे पारित कराने के लिए बढ़ाया जाता है. चिदंबरम ने कहा कि इस विधेयक में पहली बार एक विधिक प्राधिकार के गठन की बात कही गई है जो जवाबदेही तय करेगी और दोषियों को दंडित करने का भी काम करेगी.