जनवरी के आसपास जारी होंगे नये बैंक लाइसेंस : राजन
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि उसकी नये बैंक लाइसेंस जनवरी के आसपास जारी करने की योजना है और यह काम पूरी पारदर्शिता और ठोंकबाजा कर किया जाएगा.केंद्रीय बैंक के 23वें गवर्नर के रुप में कार्यभार संभालने वाले रघुराम राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता […]
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि उसकी नये बैंक लाइसेंस जनवरी के आसपास जारी करने की योजना है और यह काम पूरी पारदर्शिता और ठोंकबाजा कर किया जाएगा.केंद्रीय बैंक के 23वें गवर्नर के रुप में कार्यभार संभालने वाले रघुराम राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में एक बाह्य समिति गठित की जाएगी जो कि बैंक लाइसेंस के लिए 26 लाइसेंसों की जांच करेगी.
कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में राजन ने कहा, मुझे उम्मीद है कि लाइसेंस की घोषणा डिप्टी गवर्नर आनंद सिन्हा के कार्यकाल के भीतर या इसके तुरंत बाद कर दी जाएगी. सिन्हा की अगुवाई में यह प्रक्रिया चल रही है. उनका कार्यकाल जनवरी 2014 को समाप्त हो रहा है.
साथ ही उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक नये लाइसेंस पारदर्शिता तथा जांच परख के उंचे मानकों के साथ जारी करेगा. उन्होंने कहा कि बैंक लाइसेंसों की जांच पड़ताल के लिए एक बाह्य समिति गठित की जाएगी. डा बिमल जालान ने इसकी अध्यक्षता करने पर सहमति जताई है. यह समिति अपनी सिफारिश गवर्नर तथा डिप्टी गवर्नर को करेगी जो केंद्रीय बोर्ड की समिति को अंतिम प्रस्ताव देंगे. नये बैंक चाहने वालों की कतार में टाटा संस, अनिल अंबानी तथा कुमार मंगलम बिड़ला की अगुवाई वाली फर्में, इंडिया पोस्ट, आईएफसीआई, बंधन फिनांशल सर्विसेज तथा जनलक्ष्मी फिनांशल सहित 26 फर्में शामिल हैं.
बैंकों को नयी शाखायें खोलने की पूरी आजादी होगी
मुंबई : देश में बैंकों को नई शाखायें खोलने के लिये अब रिजर्व बैंक से अनुमति नहीं लेनी होगी. जल्द ही उन्हें इसके लिये खुली छूट मिल जायेगी. विदेशी बैंकों को उनकी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी के जरिये कारोबार करने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा.
रिजर्व बैंक के नये गवर्नर रघुराम राजन ने आज पदभार संभालने के बाद यह बात कही. गवर्नर बनने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में राजन ने कहा ‘‘रिजर्व बैंक जल्द ही इस बारे में सकरुलर जारी कर देगा. देश के हर कोने में घरेलू अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिये बैंक शाखायें खोलने की पूरी छूट दे दी जायेगी.’’
उन्होंने कहा ‘‘किसी भी ठीकठाक काम कर रहे अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक को अब शाखा खोलने के लिये रिजर्व बैंक की अनुमति की जरुरत नहीं होगी.’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि बैंकों को शहरी क्षेत्रों में उनके विस्तार के लिहाज से बैंक सुविधाओं से वंचित क्षेत्र में भी कुछ मानदंड अपनाना होगा.’’ मौजूदा नियमों के अनुसार घरेलू बैंकों को 25 प्रतिशत शाखायें अनिवार्य तौर पर ग्रामीण अथवा बैंकिंग सुविधाओं से वंचित क्षेत्र में खोलने होती हैं.
राजन ने कहा ‘‘हालांकि, हम अव्यवस्थित बैंकों को विस्तार करने से तब तक रोकेंगे जब तक कि वह अपनी स्थिरता और मजबूती के बारे में संतुष्ट नहीं कर देते हैं .. लेकिन कमजोर बैंकों को छोड़कर अन्य अनुसूचित बैंकों के लिये शाखा खोलने की पूरी छूट होगी.’’
विदेशी बैंकों के बारे में नये गवर्नर ने कहा कि रिजर्व बैंक उन्हें पूर्णस्वामित्व वाली सहयोगी इकाईयों के जरिये कारोबार करने को प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने कहा ‘‘इस मामले में कुछ मुद्दे हैं जिनका समाधान किया जा रहा है उसके बाद इसे आगे बढ़ाया जायेगा.’’
* रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर रघुराम गोविंद राजन के भाषण की मुख्य बातें
– नए बैंक लाइसेंस जनवरी, 2014 तक या इसके बाद जल्द ही.
– बिमल जालान बैंकिंग लाइसेंस आवेदकों की जांच करने वाली बाह्य समिति के अध्यक्ष होंगे – आरबीआई विदेशी बैंकों के घरेलू परिचालनों पर और नियामकीय व निगरानी नियंत्रण चाहता है.
– बैंकों को नई शाखाएं खोलने के लिए आरबीआई की मंजूरी लेनी होगी
– नपे-तुले ढंग से एसएलआर में कमी का संकेत
– मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा 2 दिन टली क्योंकि सभी घटनाक्रमों पर विचार करने के लिए और समय की जरुरत
– बाजार को सतत रुप से उदार बनाया जाएगा, निवेश पर पाबंदियां हटाई जाएंगी एवं सेबी के साथ मिलकर निर्णय किए जायेंगे.
– आरबीआई की प्राथमिक भूमिका मौद्रिक स्थिरता बनाए रखना, लेकिन वृद्धि दर को गति देना भी महत्वपूर्ण.
– निर्यातकों के लिए वायदा एक्सचेंज के निरस्त सौदों पर पुन:बुकिंग सीमा बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जाएगी.
– आयातकों को भी इसी तरह की 25 प्रतिशत की सीमा तक सुविधा की अनुमति होगी.
– मुद्रा और सरकारी प्रतिभूति बाजारों के विकास के लिए 10 साल की ब्याज दर के वायदा अनुबंधों में नकद निपटान की सुविधा शुरु होगी.
– फौरी लेनदेन में ब्याज दरों पर ब्याज दर वायदा कारोबार शुरु करने की समीक्षा की जाएगी.
– डिप्टी गवर्नर उजिर्त पटेल मौद्रिक नीति प्रारुप को मजबूत करने वाली समिति की अगुवाई करेंगे, तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेंगे.
– नाचिकेत मोर की अध्यक्षता में समिति वित्तीय समावेश के प्रति दृष्टिकोण का आकलन करेगी.