संसद में फिर उठा तेलंगाना का मुद्दा

नयी दिल्लीः संसद में तेलंगाना का मुद्दा आज फिर से उठा. लोकसभा में जहां इस मुद्दे पर कांग्रेस और तेदेपा सदस्यों के बीच नोंकझोंक हुई तो वहीं राज्यसभा में इस मुद्दे पर सर्वदलीय समिति गठित करने की मांग की गयी. लोकसभा में कांग्रेस के वी अरुण कुमार ने शून्यकाल के दौरान एकीकृत आंध्र का मुद्दा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2013 5:49 PM

नयी दिल्लीः संसद में तेलंगाना का मुद्दा आज फिर से उठा. लोकसभा में जहां इस मुद्दे पर कांग्रेस और तेदेपा सदस्यों के बीच नोंकझोंक हुई तो वहीं राज्यसभा में इस मुद्दे पर सर्वदलीय समिति गठित करने की मांग की गयी. लोकसभा में कांग्रेस के वी अरुण कुमार ने शून्यकाल के दौरान एकीकृत आंध्र का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इस मद्दे को लेकर चल रहे आंदोलन के कारण प्रदेश के कुछ हिस्सों में जनजीवन ठप हो गया है. उन्होंने कहा कि 1972 में इसी प्रकार के आंदोलन में उन्होंने भी हिस्सा लिया था. जिस समय वह एकीकृत आंध्र के बारे में अपनी बात रख रहे थे, उसी समय पृथक तेलंगाना राज्य का समर्थन कर रहे कुछ कांग्रेस सदस्यों ने भी तेदेपा को लक्षित कर नारेबाजी शुरु कर दी.

इससे तेदेपा के नामा नागेश्वर राव विरोध दर्ज कराते हुए अग्रिम पंक्ति में आ गए और दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक वाकयुद्ध जारी रहा.

राव अपनी सीट पर बैठ गए लेकिन कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी जारी रही. वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश भी उन्हें समझाने के लिए उनकी सीटों की ओर गए.

आंध्रप्रदेश का विभाजन कर पृथक तेलंगाना राज्य गठित किए जाने पर विरोध जताते हुए राज्यसभा में तेदेपा ने मांग की कि इस मुद्दे पर और राज्य के हालात पर विचार करने के लिए एक सर्वदलीय समिति गठित की जाए. शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए तेदेपा के सी एम रमेश ने कहा पूरा आंध्रप्रदेश जल रहा है. पिछले 35 दिन से सभी शिक्षण संस्थाएं बंद हैं. सरकारी कर्मचारी कार्यालय नहीं जा रहे हैं. पृथक तेलंगाना राज्य गठित किए जाने के विरोध में लोग सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार इस मुद्दे की अनदेखी कर रही है और संवेदनहीन बनी हुई है.’’

सीएम रमेश ने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे वास्तविक स्थिति को महसूस करने के लिए आंध्र प्रदेश जाएं. उन्होंने कहा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बयान दिया था कि इस मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति गठित की जाएगी. लेकिन अब तेलंगाना के गठन की प्रकिया को शीघ्रता से आगे बढ़ाया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा कि वह आंध्र प्रदेश के लोगों की आवाज उठा रहे हैं और मांग करते हैं कि इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की जाए.

संसद का मानसून सत्र पांच अगस्त से शुरु हुआ है और तब से ही रमेश और उनके पार्टी सहयोगी वाई एस आर चौधरी पृथक तेलंगाना राज्य गठित किए जाने पर विरोध जता रहे हैं.पृथक तेलंगाना के मुद्दे पर सर्वदलीय समिति गठित करने की रमेश की मांग का विभिन्न दलों के सदस्यों ने समर्थन किया.

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