प्रधानमंत्री की भूमिका का मसला उठाने का प्रयास

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में आज कोयला खदान आवंटन प्रकरण में प्रधानमंत्री की भूमिका का मसला उठाने का प्रयास किया गया. इस पर न्यायालय ने कहा कि जांच अभी जारी है और इसे किसी दबाव के कारण ‘‘सीमित नहीं किया गया है.’’ न्यायमूर्ति आर एम लोढा, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2013 6:58 PM

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में आज कोयला खदान आवंटन प्रकरण में प्रधानमंत्री की भूमिका का मसला उठाने का प्रयास किया गया. इस पर न्यायालय ने कहा कि जांच अभी जारी है और इसे किसी दबाव के कारण ‘‘सीमित नहीं किया गया है.’’ न्यायमूर्ति आर एम लोढा, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की तीन सदस्यीय खंडपीठ द्वारा आज इस मसले पर सुनवाई शुरु करते ही अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने कोयला खदान आवंटन घोटाले में प्रधानमंत्री और कोयला मंत्री की भूमिका की जांच नहीं किये जाने का मसला उठाया और कहा कि यह जांच सिर्फ आवंटियों तक ही सीमित है.

शर्मा ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पिछले छह महीने में 15 प्राथमिकी दर्ज की हैं लेकिन इनमें किसी भी कायेला मंत्री का नाम नहीं है. कोयला खदान आवंटन घोटाले को लेकर शर्मा ने ही न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर रखी है.

उन्होंने सवाल किया, ‘‘सिर्फ कोयला खदान आवंटियों के खिलाफ ही जांच क्यों होगी. कोयला मंत्रियों के खिलाफ जांच कैसे नहीं हो रही है.’’ उन्होंने कहा कि यदि प्राथमिकी में कोयला मंत्रियों के नाम नहीं हैं तो फिर यह जांच तो निष्फल ही होगी. उन्होंने कहा, ‘‘यदि बड़े व्यक्तियों के नाम नहीं होंगे तो फिर सीबीआई कैसे कार्यवाही करेगी.’’

इस पर न्यायाधीशों ने कहा कि जांच अभी चल ही रही है और यह प्रारंभिक चरण में है. उन्होंने कहा, ‘‘जांच किसी भी दबाव में सीमित नहीं होगी और यह सभी पहलुओं से होगी. जांच अभी चल रही है. वे अभी भी सच्चाई का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं.’’ न्यायाधीशों ने सवाल किया, ‘‘क्या सीबीआई ने जांच बंद कर दी है? यह अभी भी जारी है. न्यायाधीशों ने कहा कि सुनवाई के लिये सूचीबद्ध मसला सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिये मंजूरी से संबंधित है.

Next Article

Exit mobile version