लखनऊ:आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के सरगना यासीन भटकल को लेकर दिया गया विवादास्पद बयान सपा के सचिव कमाल फारूकी के लिए भारी पड़ गया. फारूकी बयान से विपक्ष का निशाना बने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने पहले तो फारूकी के बयान से पल्ला झाड़ा. इसके बाद गुरूवार को सपा प्रमुख ने कमाल फारूकी को पार्टी के सचिव पद से हटा दिया. सपा महासचिव एवं प्रवक्ता रामगोपाल यादव ने पत्र के जरिए फारुकी को सपा प्रमुख के इस फैसले से अवगत कराया.
गौरतलब है कि आतंकी यासीन भटकल के पकड़े जाने के बाद कमाल फारूकी ने पुलिस और एनआईए की कार्रवाई पर यह सवाल उठाया था कि भटकल को अपराध की वजह से पकड़ा गया है या उसके धर्म के कारण. यदि भटकल आतंकी है तो उसे कतई नहीं बख्शा जाना चाहिए. लेकिन यदि उसे मुसलमान होने की वजह से पकड़ा गया है तो इससे पूरे संप्रदाय में गलत संदेश जाएगा. जिससे देश व समाज को नुकसान पहुंचेगा.’ फारुकी ने यह भी कहा कि ऐसे कई मामले हुए जिसमें पुलिस ने आतंकी बताकर गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में आरोप सिद्ध नहीं किया जा सका. लिहाजा इस मामले में भी जमीनी स्तर पर जांच की जानी चाहिए.उनके इस कथन को सपा का बयान माना गया.
जिसके चलते फारूकी के इस बयान की भाजपा, कांग्रेस और बसपा ने निंदा करते हुए सपा को निशाने पर ले लिया. भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘फारुकी धर्म की आड़ में देश की सुरक्षा को दांव पर लगा रहे हैं. उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए.’ कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने भी फारुकी के बयान की निंदा की. जबकि केंद्रीय मंत्री वी. नारायणसामी ने कहा कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता. बसपा सांसद बृजेश पाठक ने फारूकी के इस बयान को सपा की मुस्लिम परस्त नीति बताया.
फारूकी के इस बयान को लेकर विपक्ष का निशाना बनते ही सपा प्रवक्ता रामगोपाल ने फारूकी के बयान से पल्ला झाड़ा. उन्होंने कहा कि फारूकी के बयान से पार्टी का कोई नाता नहीं है और फारूकी पार्टी के प्रवक्ता नहीं है. रामगोपाल के यह सफाई देने के बाद सपा प्रमुख ने गुरूवार को फारूकी को पार्टी के सचिव पद से हटा दिया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से राय मशविरा किए बिना विवादास्पद बयान देने के कारण उन्हें पद से हटाया गया क्योंकि बयान के कारण सपा पर मुस्लिम परस्त होने का आरोप बिलावजह लगा. पार्टी के अन्य नेता ऐसा कोई विवादास्पद बयान ना दे, जिससे पार्टी के समक्ष संकट उत्पन्न हो. पार्टी नेताओं को यह संदेश देने के लिए ही कलाम फारूकी पर गाज गिराई गई है.
राजेन्द्र कुमार.