तेदेपा ने केंद्र पर लगाया आरोप
नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज भी तेलंगाना का मुद्दा उठा और आंध्रप्रदेश के विभाजन का विरोध करते हुए तेदेपा सदस्यों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर उसका रुख ‘असंवेदनशील’ है. शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए तेदेपा के वाई एस चौधरी ने कहा कि पूरा आंध्रप्रदेश जल रहा है लेकिन […]
नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज भी तेलंगाना का मुद्दा उठा और आंध्रप्रदेश के विभाजन का विरोध करते हुए तेदेपा सदस्यों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर उसका रुख ‘असंवेदनशील’ है. शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए तेदेपा के वाई एस चौधरी ने कहा कि पूरा आंध्रप्रदेश जल रहा है लेकिन वहां की लोगों की दशा को लेकर सरकार ‘असंवेदनशील’ रुख अपनाए हुए हैं.
उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक देश है और सरकार को आंध्रप्रदेश के लोगों की समस्या हल करनी चाहिए. ‘‘हम इसी देश का हिस्सा हैं.’’ उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है कि सरकार के अपने लोग ही पृथक तेलंगाना का विरोध कर रहे हैं फिर भी अलग राज्य बनाने का फैसला कर लिया गया.
चौधरी ने कहा ‘‘पिछले 37 दिन से राज्य जल रहा है और कांग्रेस ने केवल सत्ता में फिर से वापसी के लिए अलग राज्य बनाने का फैसला कर लिया.’’ इससे पहले जब उप सभापति पी जे कुरियन ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम को ‘‘पेंशन निधि विनियमन एवं विकास प्राधिकरण विधेयक 2011’’ चर्चा के लिए पेश करने को कहा तो चौधरी और तेदेपा के ही सी एम रमेश ने पृथक तेलंगाना के फैसले के विरोध में अपनी बात रखने की मांग की.
इस पर चिदंबरम ने कहा ‘‘आखिरा यह क्या है. आप लोग पहले ही बोल चुके हैं.’’ कुरियन ने कहा ‘‘मैं आपको अपनी बात रखने के लिए दो मिनट का समय दूंगा और उसके बाद आप बैठ जाएंगे.’’ चौधरी ने जैसे ही अपनी बात पूरी की, कांग्रेस के आनंद भास्कर रपोलू ने इसी मुद्दे पर बोलने की अनुमति मांगी.
उन्होंने कहा कि लोग पृथक तेलंगाना राज्य चाहते हैं और सरकार को उनकी भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य बनने में विलंब की वजह से हताश हो कर उस्मानिया विश्वविद्यालय के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है.