मोगा : मोगा के जिला प्रशासन ने आज कहा कि उस बस कंपनी के प्रोपरायटरों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जा सकता जिस बस में छेडछाड के बाद धक्का दिए जाने से एक दलित किशोरी की मौत हुई. प्रशासन ने हालांकि कहा कि वह लडकी के परिवार वालों को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने तथा उसकी मां को सरकारी नौकरी मुहैया कराने के लिए तैयार है.
बस के चालक और परिचालक ने जब पीडित को छेडा था तब उसकी मां भी उसके साथ थी. मां बेटी के विरोध करने पर उन्हें चलती बस से धक्का दे दिया गया था. मोगा के उपायुक्त परमिंदर सिंह गिल ने कहा ‘‘अगर किसी व्यक्ति को अपराध के बारे में जानकारी नहीं है तो उसके खिलाफ मामला कैसे दर्ज किया जा सकता है. यह कानूनी तौर पर संभव भी नहीं है.’’ गिल ने आज राज डीआईजी ए एस चहल और एसएसपी जे एस खेहरा के साथ बस की घटना के सिलसिले में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया.
पीडित के पिता और विपक्षी दल उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ मामला दर्ज करने तथा कंपनी का बस परमिट रद्दे करने की मांग कर रहे हैं. सुखबीर ऑर्बिट एविएशन के सह.स्वामी हैं. जिस बस में हादसा हुआ वह इसी कंपनी की है. घटना के तीन दिन बाद भी पीडित के परिवार वालों ने उसका अंतिम संस्कार तब तक नहीं करने के लिए कहा है जब तक कि बस के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती. गिल ने पीडित के परिवार को आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा ‘‘उन्हें :पीडित के परिवार वालों को: न्याय मिलेगा।’’ उन्होंने उसके परिजनो से उसका अंतिम संस्कार करने का आग्रह किया.
पीडित का शव अभी शवगृह में रखा हुआ है. जिला प्रशासन ने कहा है कि वह 20 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए तैयार है. पीडित के परिजनों को अनुसूचित जाति आयोग से छह लाख रुपये बतौर क्षतिपूर्ति भी मिलेंगे. गिल ने कहा ‘‘हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि लडकी की मां को उसकी योग्यता के अनुसार, नौकरी दी जाएगी.’’ जब पीडित से बस में छेडछाड की गई थी तब उसकी मां भी उसके साथ थी. विरोध करने पर चालक एवं परिचालक ने चलती बस से उन्हें धक्का दे दिया था। मां को चोटें आई हैं और वह अस्पताल में भर्ती है.
इस बीच, डीआईजी ए एस चहल और एसएसपी जे एस खेहरा ने कहा कि मोगा बस हादसे की तुलना दिल्ली के उबर मामले से नहीं की जा सकती जिसमें एक कैब चालक ने यात्री के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया था. उन्होंने संवाददाताओं से कहा ‘‘उबर मामले में टैक्सी चालक बिना रुट परमिट के गाडी चला रहा था और उसके पास सक्षम प्राधिकारी की अनुमति भी नहीं थी. ऑर्बिट मामले में ऐसी कोई शिकायत नहीं है.’’
आगे उन्होंने कहा कि पंजाब अनुसूचित जाति आयोग के निर्देशों के अनुसार, घायल मां, उसके पति और पुत्र को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है. ‘‘लांदे गांव में उनके मकान में भी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है.’’ उपायुक्त गिल ने सभी राजनीतिक दलों से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपना विरोध समाप्त करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 20 लाख रुपये के अलावा घायल महिला के पुत्र की शिक्षा के लिए 3.80 लाख रुपये भी दिए जाएंगे. आप के सांसद भगवंत मान आज शाम मोगा के सरकारी अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा कि जब तक बादल के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.