अरविंद केजरीवाल और दिल्‍ली के एलजी के बीच फिर ठनने के आसार

नजीब जंग ने मंत्रियों, अधिकारियों से सभी फाइलें अपने पास मंगाई नयी दिल्ली : उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिर से आमने-सामने होते नजर आ रहे हैं. उपराज्यपाल ने संवैधानिक ढांचे और मानक प्रक्रियाओं के तहत दिल्ली के मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों को सभी महत्वपूर्ण फाइल उन्हें भेजकर अपना अधिकार जताने का प्रयास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2015 10:46 PM

नजीब जंग ने मंत्रियों, अधिकारियों से सभी फाइलें अपने पास मंगाई

नयी दिल्ली : उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिर से आमने-सामने होते नजर आ रहे हैं. उपराज्यपाल ने संवैधानिक ढांचे और मानक प्रक्रियाओं के तहत दिल्ली के मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों को सभी महत्वपूर्ण फाइल उन्हें भेजकर अपना अधिकार जताने का प्रयास किया है. उपराज्यपाल के निर्देश इन खबरों के बीच आए कि केजरीवाल ने अपने मंत्रियों और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि जंग के कार्यालय में फाइल नहीं भेजी जाएं.

उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक जंग ने निर्देश दिया है कि मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देश वापस लिये जाएं. उपराज्यपाल ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद की भूमिका उनका सहयोग करना और उनको सलाह देना है जबकि वह खुद निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं. सरकार के सूत्रों ने कहा कि कई मुद्दों को लेकर आप सरकार और उपराज्यपाल के कार्यालय के बीच तनाव बना हुआ है.

बयान में कहा गया है, ‘उपराज्यपाल ने संविधान, जीएनसीटीडी अधिनियम 1991 और कामकाज के नियम 1993 के संगत प्रावधानों की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए मुख्यमंत्री को उपराज्यपाल कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच संबंधों के बारे में सूचित किया है.’ इसमें कहा गया है, ‘मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद् की भूमिका उपराज्यपाल का सहयोग करना और सलाह देना है जहां उप राज्यपाल खुद से सारे निर्णय करने को अधिकृत हैं और उन सभी फाइलों पर उपराज्यपाल की अंतिम मंजूरी ली जानी चाहिए जो कानून बनने के लिए विधानसभा में आती हैं.’

बयान में कहा गया है, ‘उपराज्यपाल ने निर्देश दिया है कि अधिकारियों को दिये गये निर्देश वापस लिए जाएं. उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा है कि संविधान, जीएनसीटीडी अधिनियम 1991 और कामकाज नियम 1993 का पूरी तरह पालन किया जाए.’

आप सरकार के पहले कार्यकाल में भी जंग से काफी संघर्ष हुआ था और उनसे मंजूरी लिए बगैर सरकार ने विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक पेश कर दिया था. इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने आप की खिंचाई की थी और इसके कदम को असंवैधानिक करार दिया था और विधेयक पास कराने में विफल रहने पर तत्कालीन केजरीवाल सरकार ने फरवरी 2014 में इस्तीफा दे दिया था.

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