शिमला : हिमाचल प्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे जीवनयापन कर रही करीब 50,000 महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत 9146 स्व सहायता समूहों (एसएचएस) के माध्यम से मुख्यधारा में लाया गया. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि एनआरएलएम का कार्यान्वयन कंदाघाट, मंडी सदर, नूरपुर, हरोली और बसंतपुर के पांच ब्लॉकों में किया गया जिनका चयन ‘इन्टेन्सिव ब्लॉक’ के तौर पर किया गया था.
प्रवक्ता ने बताया कि शेष रह गए ‘नॉन इन्टेन्सिव ब्लॉक’ को अगले चार साल के दौरान चरणबद्ध तरीके से कवर किया जाएगा. राज्य में एनआरएलएम की शुरुआत अप्रैल 2013 से हुई थी और केंद्र ने कार्यक्रम की शुरुआत से 1492.11 लाख रुपये की मंजूरी दी थी जिसमें से राज्य का योगदान 333 लाख रुपये था.