नेपाल भूकंपः भारत की सराहना पर भारतीय मीडिया से खफा हैं लोग
काठमांडूः हिमालय की गोद में बसे नेपाल में आये विनाशकारी भूकंप के आठ दिन बाद आज इसने विदेशी बचाव दलों से आग्रह किया कि अब वे राहत और बचाव कार्य को बंद कर दें. नेपाल के अधिकारियों ने कहा कि अब किसी के जीवित होने की कोई संभावना नहीं है. आज काठमांडू में अधिकारियों ने […]
काठमांडूः हिमालय की गोद में बसे नेपाल में आये विनाशकारी भूकंप के आठ दिन बाद आज इसने विदेशी बचाव दलों से आग्रह किया कि अब वे राहत और बचाव कार्य को बंद कर दें. नेपाल के अधिकारियों ने कहा कि अब किसी के जीवित होने की कोई संभावना नहीं है. आज काठमांडू में अधिकारियों ने राहत बचाव कार्य में लगे सभी 34 देशों के बचाव दलों से आग्रह किया कि वे अपना बचाव अभियान अब समाप्त कर दें.
गृहमंत्रालय के अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद ढकाल ने बताया कि भूकंप के आठ दिन से अधिक हो गए हैं. बचाव टीमों ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है और हम उनके शुक्रगुजार हैं.भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा कि हमने अब इसके अगले चरण अर्थात पुनर्वास और पुनर्निर्माण के कार्यों में ध्यान देने की बात कही. इसके साथ ही नेपाल ने भारत से आग्रह किया कि वह यहां पडे बडे-बडे मलबे के ढेर को हटाने के लिए मशीन भेजें और पुनर्वास के कार्यों में मदद करें.
स्वरूप ने कहा कि नेपाल के आग्रह पर भारत जल्द ही नेपाल को भारी मशीन भेजेगा. उन्होंने कहा कि हम नेपाल के आम नागरिक और अधिकारियों के साथ यहां चलाए जा रहे राहत कार्यों में मिलकर सहयोग कर रहे हैं.
उधर रविवार को नेपाल के दुनिया भर में फैले लोगों ने सोशल मीडिया पर भारतीय मीडिया को नेपाल के इस आपदा कवरेज से हटाये जाने की मांग की. उन्होने आरोप लगाया कि भारतीय मीडिया यहां की घटना को संवेदनहीन और नीचा दिखानेवाला बताया. उन्होने कहा कि भारतीय मीडिया यहां पर दखलअंदाजी कर रही है.
बीबीसी में छपी खबर के अनुसार एक ओर जहां सोशल साइटों में नेपालवासी इंडियन मीडिया गो बैक के पोस्ट कर रहे थे वहीं भारत की ओर से की जाने वाली पोस्ट में भी कहा जा रहा था कि इंडियन मीडिया डॉन्ट कम बैक. वे कही और चले जाएं या फिर आत्महत्या कर ले. बीबीसी के हवाले से भारतीय मीडिया के प्रति लोगों की नाराजगी के कई कारण बताये गये हैं.