श्रीनगर : 140 साल पुरानी साल में दो बार दरबार कूच कवायद के तहत जम्मू कश्मीर सरकार ने शीतकालीन राजधानी जम्मू से स्थानांतरण के बाद आज से यहां ग्रीमष्मकालीन राजधानी में काम काज शुरू कर दिया. जम्मू में 24 अप्रैल को बंद हुए राजभवन, सचिवालय और अन्य कार्यालयों को दरबार कूच के बाद यहां खोल दिया गया. यह कवायद 140 साल से चली आ रही है और इसके तहत छह-छह महीने के लिए दोनों राजधानियों में सरकारी कामकाज होता है.
कार्यालयों में कामकाज के आगाज के लिए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने सचिवालय में रस्मी गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया. सईद का उनके कैबिनेट सहयोगियों और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों ने स्वागत किया. सरकार अक्तूबर के अंत तक ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में काम करेगी और फिर नवंबर के पहले सप्ताह में शीतकालीन राजधानी जम्मू चली जाएगी. प्रशासन ने कश्मीर घाटी में दफ्तरों में सुचारु कामकाज सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा सहित सभी जरुरी बंदोबस्त किए हैं.
सचिवालय में कार्यालयों के फिर से खुलने पर काम सुबह में साढे नौ बजे शुरू होगा और पांच बजे शाम तक चलेगा. सचिवालय के बाहर स्थित अन्य विभाग में 10 बजे सुबह से शाम में चार बजे तक काम होगा. दरबार कूच के खिलाफ आवाजें उठायी जाती रही हैं. जम्मू कश्मीर के महाराजा ने गर्मियों में जम्मू में और सर्दियों में कश्मीर में प्रतिकूल मौसम को देखते हुए 1872 में यह परंपरा शुरू की थी. इस कवायद को राज्य के खजाने पर बोझ की तरह देखा जाता है क्योंकि हर साल दोनों राजधानियों के बीच आधिकारिक रिकॉर्ड और कर्मचारियों को लाने-ले जाने पर करोडों रुपये खर्च हो जाते हैं.