नयी दिल्ली : देश में 101 जलमार्गो को राष्ट्रीय जलमार्गो में तब्दील किए जाने के लिए लोकसभा में आज एक विधेयक पेश किया गया जिसके बारे में सरकार का कहना है कि इससे जलमार्ग से वस्तुओं के परिवहन को बढावा मिलेगा. ये नए 101 जलमार्ग देश के मौजूदा पांच राष्ट्रीय जलमार्गो से अलग होंगे.
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राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक लोकसभा में हुआ पेश
नयी दिल्ली : देश में 101 जलमार्गो को राष्ट्रीय जलमार्गो में तब्दील किए जाने के लिए लोकसभा में आज एक विधेयक पेश किया गया जिसके बारे में सरकार का कहना है कि इससे जलमार्ग से वस्तुओं के परिवहन को बढावा मिलेगा. ये नए 101 जलमार्ग देश के मौजूदा पांच राष्ट्रीय जलमार्गो से अलग होंगे. जहाजरानी […]
जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक 2015 पेश किया जिसमें कहा गया है कि प्रस्तावित विधेयक का मकसद देशभर में अंतरदेशीय जलमार्गो का एकीकृत विकास करना है क्योंकि सडक और रेल सेक्टर के मुकाबले जलमार्ग पिछडा हुआ है.
सरकार ने विधेयक में कहा है कि जलमार्गो को प्रोत्साहन देना प्राथमिकता है क्योंकि रेल और सडक मार्ग के बजाय यह माल परिवहन का सस्ता साधन है.
गडकरी कहते रहे हैं कि सरकार सडकों से परिवहन के बोझ को कम कर जल परिवहन को प्रोत्साहित करना चाहती है जहां माल ढुलाई की लागत प्रति किलोमीटर 50 पैसे है जबकि रेल मार्ग से यह एक रुपया और सडक मार्ग से डेढ रुपये प्रति किलोमीटर है.
अंतरदेशीय जलमार्गो में नदियां , झीलें और नहरें शामिल हैं, हालांकि परिवहन के इस साधन का अब तक पूर्ण उपयोग नहीं किया गया है. सरकार पहले ही एक प्रधानमंत्री जल मार्ग योजना शुरु करने का फैसला कर चुकी है.
जिन पांच नदी मार्गो को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया जा चुका है उनमें गंगा-भगीरथ-हुगली नदी (इलाहाबाद हल्दिया 1620 किमी), ब्रह्मपुत्र ( धुबरी-सादिया 891 किमी), पश्चिम तट नहर (कोट्टापुरम-कोल्लम) उधगमंडलम और चंपाकारा नहर के साथ (250 किमी) , काकीनाडा-पुडुचेरी नहर, गोदावरी और कृष्णा नदियों के साथ (1078 किमी) और ब्रह्मणी नदी और महानदी डेल्टा नदियों के साथ पूर्वी तट नहर (588 किमी) शामिल है.
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