आगामी यात्राओं पर भारत के फायदे पर विशेष ध्यानः मनमोहन

प्रधानमंत्री के विशेष विमान से: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अपनी शिखर बैठक से पहले आज कहा कि उनकी अमेरिका यात्रा से पहले अगर भारत में सही चीजें होतीं हैं तो देश में विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ाने का बेहतर माहौल बनेगा. एयर इंडिया के विशेष विमान में संवाददाताओं से बातचीत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2013 9:02 PM

प्रधानमंत्री के विशेष विमान से: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अपनी शिखर बैठक से पहले आज कहा कि उनकी अमेरिका यात्रा से पहले अगर भारत में सही चीजें होतीं हैं तो देश में विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ाने का बेहतर माहौल बनेगा. एयर इंडिया के विशेष विमान में संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने हालांकि इस बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किया.कुछ ही हफ्तों में अमेरिका, रुस, आसियान तथा चीन की अपनी महत्वपूर्ण यात्राओं को रेखांकित करते हुए सिंह ने कहा कि ये सभी देश महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैं और इन बैठकों में हम जो भी करेंगे उनसे सहयोग प्रक्रिया को तेज करने वाला माहौल बनेगा.सिंह से पूछा गया था कि उनकी अमेरिका, आसियान, रुस तथा चीन की आगामी यात्रा ओं से भारतीय अर्थव्यवस्था तथा बाजारों को कैसे फायदा होगा.

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि उनकी बातचीत से हमारे और इन देशों के बीच व्यापार व निवेश से जुड़े मुद्दों पर सहयोग के लिए बेहतर माहौल बनाने में निश्चित रुप से मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, और निश्चित रुप से, मेरी राय में अमेरिका की यात्रा . अगर हम वहां जाने से पहले सही चीजें करते हैं तो उनका अमेरिका से हमारी अर्थव्यवस्था में पूंजी प्रवाह के माहौल पर असर होगा. सिंह तथा ओबामा की इस महीने बाद में वाशिंगटन में बैठक होनी है.

जापान के साथ मुद्रा अदला बदली :स्वैप: बढाकर 50 अरब डालर किए जाने पर सिंह ने कहा कि इससे मदद मिलेगी लेकिन अंतत: भारत को अपनी अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत बनानी होगी.

उन्होंने कहा, पिछले सप्ताह संसद ने कई महत्वपूर्ण विधेयक, आर्थिक विधेयक पारित किए. इससे भी भरोसा बहाल करने में मदद मिलेगी और हमें यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना होगा कि राजकोषीय घाटा 4.8 प्रतिशत से पार नहीं हो. सवालों के जवाब में सिंह ने कहा कि उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग में जी 20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका तथा यूरो क्षेत्र जैसे देशों द्वारा अपनाई गई अपरंपरागत मौद्रिक नीतियों के अनभिप्रेत परिणामों का जो मुद्दा उठाया उसे व्यापक समर्थन मिला. उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि जी 20 शिखर सम्मेलन बहुत सफल रहा.

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