सेनाध्यक्ष ने जवानों को ताली बजाने से रोका, याद कराये नियम

नयी दिल्ली : थल सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने जवानों को वर्दी में तालियां बजाने से मना कर दिया है. दलबीर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, उनके संबोधन के बाद वहां तालियां बजने लगी. इन तालियों को सुनकर सुहाग ने कहा, चूंकि हम वर्दी में हैं और इसका शिष्टाचार हमें मानना चाहिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2015 1:30 PM

नयी दिल्ली : थल सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने जवानों को वर्दी में तालियां बजाने से मना कर दिया है. दलबीर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, उनके संबोधन के बाद वहां तालियां बजने लगी. इन तालियों को सुनकर सुहाग ने कहा, चूंकि हम वर्दी में हैं और इसका शिष्टाचार हमें मानना चाहिए इसलिए आप सभी मेरे संबोधन के बाद तालियां ना बजायें.

हालांकि इसके बाद सुहाग को अपनी भूल का भी एहसास हुआ कि वह अपने संबोधन से पहले यह जानकारी देना भूल गये थे. सुहाग ने रक्षा मंत्री के उस बयान को भी याद कराया, जिसमें रक्षामंत्री ने कहा था कि मेरी जानकारी में तो जवानों को वर्दी में ताली नहीं बजाते. ज्ञात हो कि जवानों को वर्दी में ताली बजाना मना है.
सिर्फ आदेश मिलने पर उन्हें खड़ा होकर सम्मान देने की अनुमति है. इसके अलावा उन्हें ताल में तीन बार तालियां बजाने की अनुमति होती है जो एक धुन में सुनने में शानदार लगता है. इस तरह की तालियों से एकता का संदेश जाता है. जबकि साधारण तालियां एक अलग तरह का संदेश देती है.

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