नयी दिल्ली: अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों को आगे बढाने वाले वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को बुधवार को लोकसभा ने पारित कर दिया. जीएसटी दर को 27 प्रतिशत से कम रखने का आश्वासन दिये जाने के बाद विधेयक को बीजू जनता दल (बीजेडी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जैसी पार्टियों ने समर्थन दिया तो कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया.
राज्यसभा में जीएसटी विधेयक पर आज चर्चा होगी. जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक है. लोकसभा में इसे दो-तिहाई बहुमत के साथ आसानी से पारित करा लिया गया लेकिन राज्यसभा में इसको लेकर सवालिया निशान खडा है क्योंकि उच्च सदन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन :राजग: के पास बहुमत नहीं है.
कांग्रेस और अन्य दलों ने जीएसटी विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की जिसे वित्त मंत्री अरण जेटली ने खारिज कर दिया. जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को संसद से पारित कराने के बाद देश के 29 राज्यों में से आधे से ज्यादा राज्यों की विधानसभाओं में भी मंजूरी लेनी होगी. जीएसटी कर व्यवस्था को अगले साल अप्रैल से अमल में लाया जाना है.
लोकसभा में जीएसटी विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुये जेटली ने कहा, ‘‘जीएसटी लागू होने के बाद पूरा देश एक साझा बाजार बन जायेगा, इस लिहाज से यह व्यापार बढाने में काफी मददगार साबित होगा.’’ बीजू जनता दल और टीएमसी ने जीएसटी के अमल में आने के बाद राज्यों के राजस्व को लेकर आपत्ति जताई.
जेटली ने राज्यों को भरोसा दिया कि जीएसटी के अमल में आने पर उन्हें होने वाले राजस्व घाटे की पूरी भरपाई की जायेगी.