नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज अमरनाथ यात्रा के ऊपर हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी के बयान की गूंज सुनायी पड़ी. शिवसेना के एक सदस्य ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए कहा कि विश्वभर के हिन्दुओं की आस्था से जुडी इस तीर्थयात्रा की अवधि कम करने का अधिकार किसी ‘‘पाकिस्तानी एजेंट’’ को नहीं है. आपको बता दें कि हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धडे के नेता सैयद अली शाह गिलानी के अमरनाथ यात्रा को 30 दिनों के लिए सीमित करने वाला बयान दिया था.
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान शिवसेना सदस्य संजय राउत ने गिलानी के कथित बयान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गिलानी की हाल में हुयी एक सभा में पाकिस्तानी झंडे लहराए गए. उन्होंने कहा कि उसी सभा में गिलानी ने कहा था कि सुरक्षा और पर्यावरण कारणों से अमरनाथ यात्रा की अवधि 30 दिनों तक सीमित कर दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा भारत ही नहीं विश्व भर के करोडों हिन्दुओं के लिए आस्था का विषय है. उन्होंने कहा कि यह यात्रा जितने समय तक चलती है, इस साल भी उतनी ही अवधि के लिए होनी चाहिए.
राउत ने कहा कि कोई ‘‘पाकिस्तानी एजेंट ’’ यह तय नहीं कर सकता कि अमरनाथ यात्र की अवधि कितनी होगी। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्र जम्मू कश्मीर के पर्यटन उद्योग के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि बडी संख्या में लोगों के वहां पहुंचने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है. शून्यकाल में ही सपा के चौधरी मुनव्वर सलीम ने हज यात्रियों की समस्याओं से जुडा एक मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के हज यात्रियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक ओर जहां गुजरात के हज यात्रियों का कोटा दोगुना कर दिया गया है वहीं उत्तर प्रदेश के हज यात्रियों के कोटे में खासी कमी कर दी गयी है.