नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे तत्काल मौजूदा नीतिगत व्यवस्था की समीक्षा कर वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं और उनकी सुरक्षा की मौजूदा और भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए योजनाएं तैयार करें. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अकेले रहने वाले बुजुर्गो का एक डाटाबेस तैयार करने, अपराध संभावित क्षेत्रों का पता लगाने और इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करने को कहा है.
मंत्रालय ने नीतिगत व्यवस्था के संबंध में दिशा निर्देश जारी करने को कहा है. केंद्र ने दिशा निर्देशों में कहा है, ‘‘ पुलिस मुख्यालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक पुलिस थाना स्थानीय जरुरतों के संदर्भ में बुजुर्ग लोगों की रक्षा के लिए सुरक्षा योजना बनाए जिन्हें नियमित अंतराल पर उन्नत किया जाए. इसके साथ ही बुजुर्ग लोगों की रिहायश वाले इलाकों में दिन रात गश्त की व्यवस्था की जाए.गृह मंत्रालय ने धनी वरिष्ठ नागरिकों को सर्वाधिक असुरक्षित बताते हुए केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के यहां काम करने वाले नौकरों, ड्राइवरों और अन्य घरेलू सहायकों तथा किरायेदारों का पूरा रिकार्ड तैयार करें और उनकी जांच कराएं.
गृह मंत्रालय ने राज्यों से हालिया दशकों में आए सामाजिक बदलावों का भी संज्ञान लेने को कहा गया है. मंत्रालय ने कहा है कि युवा पीढ़ी के प्रवास , निम्न प्रजनन दर, बढ़ती जीवन संभाव्यता और एकल परिवारों जैसे सामाजिक बदलावों के कारण कुटुम्ब व्यवस्था में बदलाव आया है और युवा पीढ़ी द्वारा अपने बुजुर्गो की देखभाल की व्यवस्था भी कमजोर पड़ी है.