मोदी के नाम पर सहमति, संसदीय बोर्ड की बैठक में घोषणा संभव
नयी दिल्ली: नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रुप में पेश किये जाने के बारे में लगता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा में सहमति बन गयी है और अगले सप्ताह पार्टी की शीर्ष निर्णय करने वाली संसदीय बोर्ड की बैठक में इसकी घोषणा की जा सकती है. भाजपा के वरिष्ठ नेता […]
नयी दिल्ली: नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रुप में पेश किये जाने के बारे में लगता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा में सहमति बन गयी है और अगले सप्ताह पार्टी की शीर्ष निर्णय करने वाली संसदीय बोर्ड की बैठक में इसकी घोषणा की जा सकती है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज की आपत्तियों के बावजूद समझा जाता है कि मोदी को औपचारिक रुप से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने का फैसला ले लिया गया है. आडवाणी और सुषमा चाहते थे कि कम से कम मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव तक यह फैसला टाल दिया जाए. संघ परिवार के शीर्ष नेतृत्व की दो दिवसीय बैठक आज समाप्त हो गई और ऐसे संकेत मिले है कि गुजरात के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रुप में पेश किये जाने को हरी झंडी मिल गई है. इस बारे में भाजपा 19 सितंबर तक कोई घोषणा कर सकती है.
बैठक में संघ और भाजपा के अलावा संघ परिवार से संबद्ध 13 संगठनों ने हिस्सा लिया जिसमें विहिप भी शामिल है. आज बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया ने भी हिस्सा लिया. मोदी और आडवाणी ने कल बैठक में हिस्सा लिया था.
सूत्रों ने बताया कि भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक 13 से 19 सितंबर के बीच होने की उम्मीद है और जिसमें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर अंतिम निर्णय किया जायेगा.
ऐसी खबरें हैं कि मोदी और संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य 14 सितंबर को दिल्ली में हो सकते हैं. इस पर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि बोर्ड की बैठक उसी दिन हो सकती है. इसके अगले दिन मोदी को हरियाणा के रेवाड़ी में भाजपा की रैली को संबोधित करना है.बहरहाल, अगर बोर्ड की बैठक 14 सितंबर को नहीं हो सकी तब यह ‘पितृपक्ष’ शुरु होने से पहले 20 सितंबर से पूर्व बुलायी जा सकती है. ऐसे प्रयास भी किये जा रहे हैं कि उम्मीदवारी की घोषणा मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को की जाए.संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने इस विषय पर भाजपा में मतभेद की बातों को कोई खास तवज्जो नहीं देते हुए कहा, ‘‘ अगर इस मुद्दे पर कोई कशाकशी है, तो वह यहां नहीं दिखी.’’उनसे पूछा गया था कि क्या मोदी की उम्मीदवारी के मुद्दे पर पार्टी में आपसी खींचतान है.आडवाणी और सुषमा को इस मुद्दे पर मनाने के लिए संघ के सहकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने पिछले सप्ताह इनसे अलग अलग मुलाकात की थी. इसके बाद भागवत, आडवाणी और सुषमा रात्रि भोज पर भी मिले थे.
शनिवार को वैद्य ने कहा था कि संघ ने भाजपा के समक्ष महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट कर दी है और इस बारे में अब भाजपा को निर्णय करना है. मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के संघ के विचार के बारे में पूछे जाने पर वैद्य ने कहा था, ‘‘संघ अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर चुका है. संघ पार्टी को भी पहले ही सूचित कर चुका है. पार्टी इसे जानती है. यह पार्टी को निर्णय करना है कि किसे और कब घोषित करना है.’’