‘टाइम’ के कवर पर फिर छपे मोदी, बोले गरीबी में पला- बढ़ा यही मेरी पहली प्रेरणा

न्यूयार्क/नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रतिष्ठित अमेरिकी मैगजीन ‘टाइम’ के कवर पेज पर छपे हैं. मैगजीन ने प्रधानमंत्री का लंबा इंटरव्यू भी छापा है. इस इंटरव्यू के दौरान अपने बचपन और गरीबी को याद कर प्रधानमंत्री भावुक हो गये. मोदी ने कहा कि मेरे लिए गरीबी जीवन की सबसे पहली प्रेरणा रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2015 8:07 AM

न्यूयार्क/नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रतिष्ठित अमेरिकी मैगजीन ‘टाइम’ के कवर पेज पर छपे हैं. मैगजीन ने प्रधानमंत्री का लंबा इंटरव्यू भी छापा है. इस इंटरव्यू के दौरान अपने बचपन और गरीबी को याद कर प्रधानमंत्री भावुक हो गये. मोदी ने कहा कि मेरे लिए गरीबी जीवन की सबसे पहली प्रेरणा रही है.

गरीबी के ही चलते मैंने संकल्प किया था कि मैं अपने लिये नहीं, बल्किदूसरों के लिए जिऊंगा. मैं बहुत गरीब परिवार में पैदा हुआ. बचपन में मैं रेलवे के डिब्बों में चाय बेचता था. मेरी मां बरतन मांजती थीं और दूसरों के घरों में काम करती थी, ताकि हमारा पेट भर सके. मैंने गरीबी को बहुत नजदीक से देखा है.

मैं गरीबी में पला-बढ़ा हूं.’ 14 मई को चीन की यात्र पर जा रहे प्रधानमंत्री ने भारत-चीन संबंधों पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया है. कहा कि 25 साल से दोनों देशों के बीच एक गोली भी नहीं चली है. दोनों देश आर्थिक सहयोग के मोरचे पर परिपक्वता दिखा रहे हैं. मैगजीन के एडिटर नैंसी गिब्स, एशिया के एडिटर जोहर अब्दुल करीम और दक्षिण एशिया के ब्यूरो चीफ निखिल कुमार को दो मई को पीएम ने ये दो घंटे लंबा इंटरव्यू दिया. मोदी ने इंटरव्यू के ज्यादातर हिस्से में हिंदी में ही जवाब दिये. मैगजीन ने अपने कवर पर ‘ह्वाई मोदी मैटर्स’ शीर्षक के साथ नरेंद्र मोदी की फोटो छापी है.

सबका साथ-सबका विकास

इंटरव्यू में पीएम ने कहा कि मेरा, भाजपा और सरकार का एक ही दर्शन है- ‘सबका साथ, सबका विकास’. जब भी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ किसी ने नकारात्मक टिप्पणी की या कदम उठाया, हमारी सरकार ने उसे तुरंत दुरुस्त किया. जहां तक सरकार की बात है, तो हमारे लिए एक ही पवित्र पुस्तक है, और वह है भारत का संविधान. देश की एकता और अखंडता हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है. सभी धर्मो और समुदायों को एक जैसे अधिकार हैं. यह मेरी जिम्मेदारी है कि सबकी सुरक्षा हो. मेरी सरकार धर्म, जाति या पंथ के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव को बरदाश्त नहीं करेगी.

तानाशाही हमारे डीएनए में नहीं

भारत एक लोकतंत्र है. यह हमारे डीएनए में है, जहां तक अलग-अलग राजनीतिक दलों की बात है, मेरी समझ से वे देशहित के बारे में अपने-अपने तरीके से सोचते हैं. अगर आप मुझसे पूछते हैं कि क्या भारत को चलाने के लिए तानाशाही चाहिए, तो मैं कहूंगा बिल्कुल नहीं. अगर आप मुझसे लोकतांत्रित मूल्यों और धन, ताकत और प्रसिद्धि के बीच चुनने को कहते हैं, तो मैं कहूंगा कि मैं लोकतांत्रिक मूल्य चुनूंगा.

Next Article

Exit mobile version