व्यापम घोटाला : एक और आरोपी की रहस्यमय मौत, भाई ने जांच की मांग की

भोपाल: व्यापम घोटाले का एक मुख्य आरोपी छत्तीसगढ में कांकेर जिले के एक लॉज में रहस्यमय स्थिति में मृत मिला.पुलिस ने आज बताया कि विजय सिंह का शव 28 अप्रैल को मिला. वह मध्यप्रदेश के रीवा जिले का रहने वाला था और शाजापुर जिला जेल में बतौर फार्मासिस्ट तैनात था. इस मामले की जांच कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2015 4:24 PM

भोपाल: व्यापम घोटाले का एक मुख्य आरोपी छत्तीसगढ में कांकेर जिले के एक लॉज में रहस्यमय स्थिति में मृत मिला.पुलिस ने आज बताया कि विजय सिंह का शव 28 अप्रैल को मिला. वह मध्यप्रदेश के रीवा जिले का रहने वाला था और शाजापुर जिला जेल में बतौर फार्मासिस्ट तैनात था.

इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसटीएफ) ने व्यापम घोटाले से जुडे तीन मामलों में उसे गिरफ्तार किया था तब से वह निलंबित था. सिंह को बाद में एक मामले में छोड दिया गया. उसे इस साल फरवरी में जमानत पर रिहा किया गया था और एसटीएफ ने 17 अप्रैल को तलब किया था.

सिंह की मौत के साथ ही व्यापम घोटाले में रहस्यमय स्थिति में मरने वाले आरोपियों की संख्या बढकर आठ हो गयी है. उनमें मध्यप्रदेश के राज्यपाल के बेटे शैलेष यादव भी शामिल हैं.कांकेर के थाना प्रभारी दीनबंधु उइके ने कहा, ‘‘हमें कांकेर के एक लॉज के एक कमरे में सिंह का शव मिला. मामले की जांच हो रही है और हमें इस संबंध में उसके परिवार के सदस्यों का बयान दर्ज करना है. ’’

हालांकि सिंह के भाई ने अपने भाई की रहस्यमय मौत की जांच की मांग की है. सिंह के शिक्षक भाई अभय सिंह ने इलाहाबाद के समीप उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सीमा पर स्थित शंकरगढ से पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘विजय सिंह का शव 28 अप्रैल को कांकेर के एक लॉज में मिला. कमरे से कोई जहरीला पदार्थ नहीं मिला ऐसे में संदेह पैदा होता है कि यह रहस्यमय मौत है. ’’

अभय ने दावा किया, ‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके शरीर में जहर मिला जबकि पुलिस को लॉज में उसके कमरे से कोई ऐसी सामग्री या सुसाइड नोट नहीं मिला.’’ अपने भाई की रहस्यमय मौत की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए अभय ने कहा कि वह इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार मैंने 16 अप्रैल से बातचीत की थी और उस वक्त वह रायुपर स्टेशन पर था. बाद में उसने भोपाल में अपने वकील को फोन कर बताया कि वह एक दो घंटे में पहुंचेगा लेकिन वह वहां कभी नहीं पहुंचा. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘तब से उसका मोबाइल नंबर बंद रहा और उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया. ’’

लॉज के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि विजय पहली बार 24 अप्रैल को और दूसरी बाद 27 अप्रैल को वहां पहुंचा था और उसने यह कहते हुए कर्मचारियों से जल्दी जगाने को कहा था कि उसे भोपाल जाने वाली ट्रेन पकडनी थी.अभय ने कहा कि लेकिन 28 अप्रैल को जब उसने सुबह में दरवाजा नहीं खोला तब लॉज के कर्मचारियों ने पुलिस को खबर दी.

अभय ने कहा, ‘‘29 अप्रैल को हमें कांकेर पुलिस से यह फोन आया कि विजय का शव होटल में मिला है. वह कांकेर में था क्योंकि उसकी बीवी शहर के समीप एक सरकारी विद्यालय में शिक्षिका के रुप में काम करती है. ’’ उन्होंने कहा,‘‘16 अप्रैल से उसकी गुमशुदगी से संदेह पैदा होता है कि उसकी मौत सामान्य आत्महत्या नहीं थी क्योंकि वह उस तरह का व्यक्ति नहीं था और दूसरी बात, जहर या सुसाइड नोट जैसा कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है. ’’

इससे पहले राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेष भी लखनउ में अपने पिता के सरकारी निवास पर रहस्यमय स्थिति में मृत मिले थे. यादव को लखनउ में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के रुप में सरकारी आवास मिला था.शैलेष और विजय के अलावा छह अन्य व्यक्ति जो कथित रुप से घोटाले में शामिल थे, इससे पहले रहस्यमय स्थितियों में मृत पाए गए. उनमें कुछ छात्र भी शामिल हैं.

Next Article

Exit mobile version