किसान आत्महत्या को मजबूरः मोदी

गांधीनगर: गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर आज केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र के लिए आसानी से कर्ज की सुविधा नहीं की गयी है. यहां महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक कृषि शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2013 7:51 PM

गांधीनगर: गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर आज केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र के लिए आसानी से कर्ज की सुविधा नहीं की गयी है. यहां महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक कृषि शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा, ‘‘ बोझिल बैंकिंग प्रक्रिया और कर्ज के बोझ तले दबे होने की वजह से किसान आत्महत्या करने पर विवश हैं. पिछले 20 सालों में करीब 2,70,000 किसान आत्महत्या कर चुके हैं.’’

मोदी ने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार बैंकिंग, नाबार्ड के बारे में महज बातें बनाती है, लेकिन यह देखकर बहुत दुख होता है कि आज भी 30 प्रतिशत से कम किसान ही बैंक रिण की सुविधा उठाने में समर्थ हैं. बाकी किसानों को साहूकारों की शरण में जाना पड़ता है जो किसानों से उंचा सूद वसूलते हैं उन्हें बर्बाद कर देते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ बैंकिंग प्रक्रिया इतनी बोझिल है कि इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होता. क्यूं न हम किसानों के अनुकूल बैंकिंग प्रक्रिया अपनाएं. जब तक हम इसे किसानों के अनुकूल नहीं करेंगे, हम अपने किसानों को नहीं बचा पाएंगे.’’ मोदी ने दावा किया कि हर दिन 2,500 किसान खेती से मुंह मोड़ रहे हैं. ‘‘ किसानों में असुरक्षा की भावना इस कदर घर कर गई है कि वे खेती छोड़ रहे हैं. इससे पता चलता है कि हमारे उपर कितना गंभीर संकट मंडरा रहा है.’’

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